इंदौरताजा खबरमध्य प्रदेश

उज्जैन : 1 अप्रैल से काल भैरव को कैसे चढ़ेगी शराब? शराबबंदी से भोग पर असर, श्रद्धालुओं को होगी असुविधा

मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से राज्य के 17 प्रमुख धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू करने का फैसला लिया है। इसमें उज्जैन भी शामिल है, जहां काल भैरव मंदिर में श्रद्धालु वर्षों से भगवान को शराब अर्पित करते आए हैं। अब इस शराबबंदी के आदेश के कारण यह सवाल उठ रहा है कि काल भैरव को शराब भोग कैसे अर्पित किया जाएगा, क्योंकि मंदिर के पास स्थित शराब के काउंटर भी बंद होने वाले हैं।

काल भैरव मंदिर के शराब काउंटर बंद

उज्जैन में काल भैरव मंदिर के सामने दो शराब काउंटर हैं, जो केडी गेट और छतरी चौक के पास स्थित हैं। ये काउंटर स्थानीय शराब दुकानों से जुड़े हुए हैं, जहां से श्रद्धालु शराब खरीदकर भगवान को अर्पित करते हैं। हालांकि, सरकार के आदेश के बाद केडी गेट के शराब काउंटर बंद हो जाएंगे, और इस स्थिति में मंदिर में शराब अर्पित करने की व्यवस्था कैसे होगी, यह स्पष्ट नहीं है।

कलेक्टर ने शासन को भेजा पत्र

उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह ने काल भैरव मंदिर के शराब काउंटर को यथावत बनाए रखने के लिए शासन को एक पत्र भेजा है। लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, उन्हें अभी तक इस मामले में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। इस असमंजस की स्थिति ने श्रद्धालुओं और स्थानीय प्रशासन के बीच चिंता का विषय बना दिया है।

1 अप्रैल से इन शहरों में शराबबंदी लागू

1 अप्रैल से लागू होने वाली शराबबंदी के तहत मध्य प्रदेश के उज्जैन, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक जैसे प्रमुख धार्मिक शहरों के नगर निगम क्षेत्रों में शराब की दुकानों और बार को बंद किया जाएगा। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में भी शराब की दुकानों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन काल भैरव मंदिर के सामने स्थित शराब काउंटर का उल्लेख गजट में नहीं किया गया है।

स्थानीय प्रशासन में हलचल

उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में स्थित 17 कंपोजिट मदिरा दुकानें और 11 होटल/रेस्त्रां बार पूरी तरह बंद हो जाएंगे। इसके अलावा, नगर निगम क्षेत्र में यदि किसी के पास शराब होगी तो वह नियमानुसार आधिपत्य सीमा में रख सकते हैं, लेकिन अगर सीमा से अधिक शराब पाई गई, तो आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

काल भैरव को शराब भोग देने पर विचार

हालांकि प्रशासन इस असमंजस की स्थिति पर विचार कर रहा है, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि 1 अप्रैल के बाद काल भैरव मंदिर में शराब भोग की अर्पित करने की प्रक्रिया कैसे चलने वाली है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे का समाधान किस तरह से निकालते हैं, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

ये भी पढ़ें- मंदसौर : मसाला फैक्ट्री में लगी भीषण आग, 5 फायर ब्रिगेड ने 3 घंटे में पाया काबू, लाखों के नुकसान की आशंका

संबंधित खबरें...

Back to top button