ताजा खबरराष्ट्रीय

एआई से न पूछें बीमारी का इलाज, आफत में पड़ सकती है जान

सतर्कता : न्यूयार्क लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्च से सवालों के घेरे में आई चैटजीपीटी की सलाह

नई दिल्ली। चैटजीपीटी जैसे एआई टूल का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है। कोई नोट्स बनाने के लिए कर रहा है तो कोई डाइट प्लान बना रहा है। चैटजीपीटी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कस्टमर सपोर्ट में हो रहा है, लेकिन कुछ लोग इतने होशियार हैं कि अपनी बीमारियों के लिए भी चैटजीपीटी से ही राय ले रहे हैं। लोग अपनी बीमारी चैटजीपीटी को बता रहे हैं और फिर उसके द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर दवाई ले रहे हैं, लेकिन यह आपकी सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इसे लेकर कुछ एक्सपर्ट ने लोगों को आगाह किया है।

…तो यह जवाब दिया एआई टूल्स ने

चैटजीपीटी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि फाइजर के पैक्सलोविड और रक्तचाप कम करने वाली दवा वेरापामिल को साथ इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि इन दोनों दवा को एक साथ लेने पर ब्लड प्रेशर काफी कम हो सकता है और इससे रोगियों के लिए संभावित जोखिम पैदा हो सकता है।

75% प्रश्नों के उत्तर गलत

लॉन्ग आइलैंड विवि में फार्मासिस्टों द्वारा किए गए अध्ययन के बाद दवा से संबंधित जवाबों के लिए चैटजीपीटी जांच के घेरे में आया है। जांच में पाया गया कि चैटबॉट, चैटजीपीटी, दवा से संबंधित 75 प्रतिशत प्रश्नों के गलत या अधूरे उत्तर देता है।

फ्री वर्जन और भी खतरनाक

चैटजीपीटी से सेहत को लेकर 39 सवाल पूछे गए। केवल 10 के जवाब ही संतोषजनक थे। 29 जवाब गलत थे। अध्ययन के अनुसार, चैटजीपीटी का फ्री वर्जन और भी खतरनाक है, क्योंकि इसके पास सितंबर 2021 तक की ही जानकारी उपलब्ध है।

हर दूसरा मरीज नेट और गूगल से कुछ न कुछ पढ़कर आता है, उसके मुताबिक सोच बनाता है और फिर बेबुनियाद सवाल करता है। यह लोगों की जिंदगी के लिए जानलेवा हो सकता है। – डॉ. पराग शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, जीएमसी

संबंधित खबरें...

Back to top button