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World Television Day: 14 साल तक बिना बिजली वाले घर में रहे TV का डिजाइन बनाने वाले टेलर, यहां जानें इतिहास

यूनाइटेड नेशन ने दिसंबर 1996 में टेलीविजन को आम जिंदगी में बढ़ता देख 21 नवंबर वर्ल्ड टेलीविजन डे के रूप में मनाने का एलान किया था। टेलीविजन आज हर घर का एक अहम हिस्सा बन चुका है। टीवी की इस दुनिया में समाचार से लेकर फिल्म, सीरियल, अलग-अलग तरह के शो… सबकुछ है।

इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन को पहली बार 7 सितंबर 1927 को सैन फ्रांसिस्को में दिखाया गया था। इस सिस्टम को 21 साल के फिलो टेलर फार्न्सवर्थ ने डिजाइन किया था, जो 14 साल की उम्र तक बिना बिजली वाले घर में रहते थे। कई लोग टीवी के आविष्कार का श्रेय फिलो फार्नवर्थ को देते हैं। उन्होंने 1927 में इलेक्ट्रॉनिक टीवी सेट के लिए एक पेटेंट फाइल कर दिया। उन्होंने इसे इमेज डिसेक्टर कहा था।

सनलाइट से मिला आइडिया

1872 में ट्रान्साटलांटिक केबल पर काम करते हुए अंग्रेजी टेलीग्राफ वर्कर जोसेफ ने महसूस किया कि एक सेलेनियम वायर की इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी में कुछ बदलाव दिख रहे हैं। आगे की जांच से पता चला कि ये बदलाव तब हुआ जब तार पर सूरज की रोशनी पड़ी, जो संयोग से खिड़की के पास एक मेज पर रखी गई थी। इस घटना से ही लाइट को एक इलेक्ट्रिक सिग्नल में बदलने का आधार तैयार हुआ।

1880 में मॉरिस ला ब्लां नाम के एक फ्रेंच इंजीनियर का ‘ला लुमिएर इलेक्ट्रिक’ जर्नल में एक लेख पब्लिश हुआ, जिसने आगे आने वाले सभी टेलीविजन के लिए एक आधार तैयार किया। उन्होंने एक स्कैनिंग मैकेनिज्म को प्रस्तावित किया।

टेलीविजन को अगले मुकाम तक पहुंचाने वाले एक जर्मन इंजीनियर पॉल निपकोव थे। उन्होंने स्कैनिंग डिस्क खोजी, जिसका नाम ‘इलेक्ट्रिक टेलिस्कोप’ रखा था। यह डिवाइस एक घूमने वाली धातु की डिस्क से तार के जरिए तस्वीरें भेजने में मदद करती थी।

साल 1900 में पहली बार रूसी वैज्ञानिक कॉन्स्तेन्ताइन परस्की द्वारा टेलीविजन शब्द का इस्तेमाल किया गया था।

1922 में जेनकिंस ने रेडियो वेव के जरिए एक स्टैटिक इमेज को स्क्रीन पर भेजा था, 1925 में बेयर्ड ने मनुष्य के चेहरे का लाइव ट्रांसमिशन भेजा था।

1925 में आविष्कारक व्लादिमीर ज्वोरीयकिन ने कलर टीवी सिस्टम के बारे में बताया था। हालांकि यह सिस्टम सफल नहीं हुआ। विश्व का पहला इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन फिलो टेलर फार्न्सवर्थ नाम के आविष्कारक द्वारा बनाया गया।

स्कॉटिश आविष्कारक बेयर्ड ने 3 जुलाई 1928 को पहली बार कलर ट्रांसमिशन कर दिखाया था।

1930 में पहला कॉमर्शियल चार्ल्स जेनकिंस के टेलीविजन प्रोग्राम पर आया और BBC ने नियमित टीवी ट्रांसमिशन शुरू किया। 1934 तक सारे मैकेनिकल टीवी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर आ चुके थे।

1951 में सीबीएस नाम के एक अमेरिकी ब्रॉडकास्टिंग कंपनी ने पहला कॉमर्शियल कलर टीवी प्रोग्राम चालाय। इसे सिर्फ 12 लोग ही देख पाए थे।

1959 में टलीविजन का दिल्ली में एक्सपेरिमेंटर ट्रांसमिशन शुरू हुआ।

1961 में वॉल्ट डिज्नी के वंडरफुल वर्ल्ड ऑफ कलर का प्रीमियर एक टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ। इसने लोगों को कलर टीवी लेने के लिए प्रेरित किया।

1965 में न्यूज बुलेटिन के साथ रोजोना 1 घंटे की सर्विस शुरू हुई।

1969 में करीब 65 करोड़ लोगों ने चांद पर इंसानों की मौजूदगी टीवी पर देखी।

1972 में टेलीविजन सर्विस मुंबई में शुरू हुई। 1975 में टेलीविजन स्टेशन कोलकाता, चेन्नई, श्रीनगर, अमृतसर और लखनऊ में स्थापित हुए।

1983 में NHK नेटवर्क ने स्विट्जरलैंड में हुई कॉन्फ्रेंस में HDTV को दर्शाया।

1982 में भारत में सैटेलाइट के जरिए नेशनल प्रोग्राम, कलर ट्रांसमिशन और नेटवर्किंग शुरू हुई।

2008 में विश्व का पहला स्मार्ट टीवी बनाया गया।

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