धर्म

हिंदू नववर्ष 2023 : यूरोपीय देशों में पहले 10 महीने का होता था साल, बाद में उन्होंने भी भारतीय व्यवस्था को अपनाया

न्यूसी समैया, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु शास्त्राचार्य

22 मार्च 2023 को हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2080 की शुरुआत हो रही है। हम सभी देवी मां की आराधना के साथ नए साल का स्वागत करने को आतुर हैं। विश्व में सबसे ज्यादा तार्किक और वैज्ञानिक पद्धति से हमारे विक्रम संवत का निर्धारण किया गया है। एक समय था कि जब अंग्रेजी कैलेंडर में 10 महीनों की गणना होती थी। लेकिन इस गणना के चलते उन देशों में हर साल क्रिसमस का समय बदल जाता था। इसी तरह की चूकों की वजह से यूरोपीय देश भी विक्रम संवत की 12 महीनों की व्यवस्था को कैलेंडरमें अंगीकार करने को बाध्य हो गए। भारतीय काल गणना का जो विवेचन सूर्य सिद्धांत में वर्णित है वह पूर्णतः विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित है।

58 ईसा पूर्व हुई थी शुरुआत

विश्व की प्रत्येक सभ्यता और संस्कृति में  नववर्ष  मनाया जाता है। जैसे ईसाई, हिंदू, चीनी, हिब्रू, इस्लामी नववर्ष आदि। दुनियाभर में सभी इसे अपने अपने तरीके से और अपने-अपने समय पर मानते हैं। सभी का नववर्ष एक अलग समय और अलग तारीख पर आता है, जैसे ईसाई नववर्ष 1 जनवरी को ग्रिगेरियन कैलेंडर के अनुसार मनाते हैं। परंतु इन सभी में जो सबसे ज्यादा तार्किक और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है वह हमारा हिंदू नव वर्ष। इसकी शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने 58 ईसा पूर्व में अपने खगोलविदो की मदद से की थी। जिनमें वाराहमिहिर का नाम प्रमुख है। वाराह मिहिर उनके नवरत्नों में से एक थे। इसे नव संवत्सर भी कहते हैं। इसका आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है । भारत के प्रत्येक राज्य में  इसके अलग-अलग नाम प्रचलित हैं जैसे गुड़ी पड़वा, चैती चांद आदि। हमारे यहां आज भी शादी विवाह, अन्य मुहूर्त या कोई पर्व त्योहारों व्रत आदि हो सभी का निर्णय इसी पद्धति से किए जाता है। विक्रम संवत का आज वर्तमान समय तक काल गणना का मुख्य आधार होने का मूल कारण इसकी वैज्ञानिकता ही है।

सूर्य और चंद्रमा से होती है गणना

विश्व में सर्वप्रथम इसी कैलेंडर या जिसे हम पंचांग भी कहते हैं में 12 मास और 7 दिनों का प्रचलन हुआ। अर्थात 7 दिनों का एक सप्ताह और प्रत्येक वर्ष में 12 माह की व्यवस्था का गणित इसी पद्धति में शुरू हुआ। इसमें वर्ष और महीनों का गणित सूर्य और  चंद्रमा की गति पर आधारित होता है। साल की गणना सूर्य पर आधारित होती है और महीनों का निर्धारण चंद्रमा की गति से  होता है। बाद मे इसी अवधारणा को यूनानियों ने अपनाया और अपने कैलेंडर में सुधार किए उसके बाद इसे  अरबों और अंग्रेजों ने भी अपनाया। पहले अंग्रेजी कैलेंडर में 10 महीनों की व्यवस्था थी बाद में उसे बारह महीनों में परिवर्तित  किया गया।

वैज्ञानिक पद्धति से ही रखे महीनों के नाम

हमारी पद्धति में महीनों व दिनों के नाम भी एक तार्किक वैज्ञानिक पद्धति से रखे गए हैं ना की किसी राजा के नाम या अन्य अतार्किक विधि से। चंद्रमा पूर्णिमा के दिन जिस नक्षत्र में होता है उसी से उस महीने का नाम रखा गया है। जैसे चित्रा में होने पर चैत्र आदि। चंद्रमा का बारह राशियों में भ्रमण लगभग 354 दिनों में पूरा होता है। अर्थात लगभग लगभग 29 दिनों में चंद्रमा एक राशि का भ्रमण कर लेता है और उसी के अनुसार बारह महीनों का विभाजन किया गया है। सूर्य और चंद्रमा की गति के अंतर से हर वर्ष जो दस दिनों का फर्क आता है उसी का संतुलन करने के लिए अधिकमास की व्यवस्था की गई है।

ऐसे होती है साल की गणना

भारतीय विज्ञान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह हमेशा प्रकृति से समन्वय बनाकर चलती है। और हमारी कालगणना भी इसी से जुड़ी हुई है भारतीय काल गणना का विवेचन अनेक ग्रंथों में किया गया है जैसे मय द्वारा रचित सूर्य सिद्धांत।पृथ्वी को सूर्य का चक्कर लगाने में एक वर्ष का समय लगता है जो लगभग 365 दिन 5 घंटे और 59 मिनट और 16 सेकेंड  का होता है। एक चक्र पूर्ण होने के बाद जब अगले चक्र का आरंभ होता है उसी को हम नया वर्ष कहते हैं।

ऐसे होता है नए साल का आगमन

जब चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को पृथ्वी अपना एक चक्कर पूरा करती है और नया चक्र आरंभ करती है तब नए दिन के साथ-साथ नई ऋतु का भी आगमन होता है। फसल पककर तैयार होती है ग्रह नक्षत्र शुभ अवस्था में होते हैं और हम एक नए सूर्य के साथ नववर्ष का आगाज देवी की आराधना करते हुए करते हैं और वर्ष पर दैवीय कृपा और सकारात्मकता की मनोकामना करते हैं।

देखें राशिफल Weekly Horoscope 20 to 26 मार्च 2023 : जानें, सभी 12 राशियों का साप्ताहिक राशिफल

(न्यूसी समैया ने इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोलॉजी (भारतीय विद्या भवन) नई दिल्ली से ज्योतिष अलंकार की डिग्री ली है। ज्योतिष शास्त्र विशेषज्ञ, ज्योतिष शिरोमणि सम्मान से पुरस्कृत न्यूसी 25 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। वह स्कूल ऑफ एस्ट्रोलॉजी की डायरेक्टर भी हैं।)
मोबाइल नंबर 7470664025

संबंधित खबरें...

Back to top button