
नई दिल्ली। अमेरिकी संघीय सरकार के एक आयोग ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की कथित बिगड़ती स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट पर लेकर भारत सरकार की तीखी प्रतिक्रिया आई है। USCIRF के रिपोर्ट को मोदी सरकार ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के सचिव ने आयोग पर पक्षपात और राजनीतिक एजेंडे का आरोप लगाया है। बता दें, यह रिपोर्ट विदेश मंत्री एस जयशंकर की वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच हुई द्विपक्षीय आधिकारिक वार्ता के कुछ ही घंटों बाद जारी की गई।
भारत सरकार ने दी प्रतिक्रिया
रिपोर्ट को लेकर विदेश मंत्रालय के सचिव रणधीर जायसवाल ने कहा है कि “यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF) एक पक्षपातपूर्ण संगठन है, जिसका राजनीतिक एजेंडा है। इसे लेकर हमारी राय बिल्कुल साफ है।”
उन्होंने रिपोर्ट को भ्रामक बताते हुए कहा कि USCIRF भारत के खिलाफ लगातार तथ्यों को गलत तरीके से पेश करता है और भारत को लेकर खास मोटिवेटेड नैरेटिव को बढ़ावा देता है। जायसवाल ने कहा कि ऐसे रिपोर्ट USCIRF को बदनाम करते हैं। इस रिपोर्ट को उन्होंने दुर्भावनापूर्ण बताते हुए अस्वीकार किया है।
USCIRF की इस हरकत पर चौकन्ना रहते हुए भारत सरकार ने पहले भी USCIRF के सदस्यों को वीजा देने से मना किया है। भारत सरकार ने इसे लेकर आंतरिक मामलों में ‘हस्तक्षेप’ का हवाला दिया था। मनमोहन सिंह की सरकार के समय से ही इस आयोग को भारत का दौरा करने की इजाजत नहीं दी जाती है।
ऐसा क्या है USCIRF की रिपोर्ट में
USCIRF द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर कथित तौर पर हिंसक हमलों के साथ ही, रिपोर्ट में वक्फ संशोधन बिल, समान नागरिक संहिता, नागरिक संशोधन अधिनियम और गोहत्या विरोधी कानून का भी जिक्र किया गया है। आयोग की वरिष्ठ नीति विश्लेषक सेमा हसन ने लिखा कि भारत में धार्मिक अशांति फैलाने के लिए फेक न्यूज फैलाई जा रही है। यहां तक कि USCIRF ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से आग्रह किया है कि भारत को धार्मिक भेदभाव वाले देशों की सूची में नामित किया जाए। USCIRF पहले भी अमेरिकी सरकार के सामने ये पेशकश रख चुकी है लेकिन जो बाइडन प्रशासन इसे स्वीकृत देने से बचता आया है।
पहले भी जारी की गई है रिपोर्ट
इससे पहले भी USCIRF भारत के खिलाफ रिपोर्ट जारी करता रहा है। इसी साल मई में लोकसभा चुनाव के दौरान जारी की गई एक रिपोर्ट पर भी भारत सरकार ने आयोग की आलोचना की थी। तब ताजा रिपोर्ट को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि “हमें USCIRF से यह उम्मीद नहीं है कि वे भारत के विविधतापूर्ण, बहुलवादी और लोकतांत्रिक संस्कृति को समझने की कोशिश करेंगे।”
क्यों जारी की जाती है यह रिपोर्ट
USCIRF ऐसी रिपोर्ट जारी कर हर देश के धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति को उजागर करना है। इसके यही उद्देश्य होता है। यह रिपोर्ट हर साल तैयार की जाती है। इस रिपोर्ट के तहत, उन सरकारी नीतियों को भी शामिल किया जाता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं।
इससे पहले भी USCIRF को लेकर भारत और कई भारतीय-अमेरिकी समूहों ने इस पर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया है। साथ ही इसे पक्षपाती, अवैज्ञानिक और एजेंडा-संचालित रिपोर्टिंग करार दिया है।