
नजामाबाद की यह पॉटरी मेकिंग कला 800 साल पुरानी है, जिसकी शुरुआत मुगल शासनकाल में हमारे पूर्वजों ने शुरू की थी। बाद में इसे परिवार के अन्य लोगों ने भी जिंदा रखा और अब हम भी इसी पर काम रहे हैं और इसे जीवित रखे हुए हैं। यह कहना है, हस्तशिल्प में नेशनल अवॉर्ड विजेता सोहित कुमार प्रजापति का। वे इन दिनों इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में करो और सीखो वर्कशॉप के तहत यूपी के आजमगढ़ जिले के निजामाबाद की पारंपरागत पॉटरी मेकिंग बनाना सीखा रहे हैं। इस वर्कशॉप में 8 साल से 45 साल तक की उम्र के लोग पॉटरी मेकिंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं। निजामाबाद की पॉटरी ब्लैक होती है। इसे ब्लैक बनाने के लिए कलर की जगह स्मोक से जलाया जाता है ताकि नेचुरली काला रंग मिल सके और वह आसानी से न निकले। साथ ही ब्लैक कलर की पॉटरी को चांदी से सजाया जाता है, जो इस कला को खास बनाती है।
ॠक टैग भी मिल चुका है, 400 परिवार कर रहे यह काम
स्टेट अवॉर्डी रामनवमी प्रजापति ने बताया कि अंग्रेजों ने भी हमारे पूर्वजों को लंदन (इंग्लैंड) ले जाकर सम्मानित किया था। वर्कशॉप में डिनर सेट, पॉटरी सेट, μलॉवर पॉट और कई प्रकार के बर्तन बनाना सिखाया जा रहा है। मेरे बड़े भाई सोहित कुमार प्रजापति को राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार और मुझे यूपी सरकार द्वारा राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस पॉटरी को जीआई टैग भी दिया गया है। निजामाबाद में लगभग 400 परिवार ब्लैक पॉटरी बनाने का काम करते हैं, जो देश-विदेश में जाती है। अब यह बर्तन आॅनलाइन भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहते हैं।
भट्टी पर पकाना सिखा रहे बर्तन
कलाकार सरिता प्रजापति ने बताया कि हम नदियों और तालाब के किनारों की मिट्टी से पॉटरी बनाते हैं, जो कि बारीक होती है। इसे छानकर और बारीक किया जाता है, जिससे पॉटरी तैयार करते हैं। वर्कशॉप के लिए हम मिट्टी को साथ लेकर आए हैं। भोपाल की मिट्टी में कंकड़-पत्थर काफी मात्रा में होते हैं। ऐसे में उसे बारीक करने में काफी समय लगता है। वहीं निजामाबाद की मिट्टी बारीक होती है। बर्तन बनाने के बाद भट्टी लगाकर उन्हें पकाना व काला रंग देना भी सिखा रहे हैं।
वर्कशॉप में सीखा पॉटरी सेट, मिट्टी के कप बनाना
मैं जब भी मिट्टी की पॉटरी को देखता था तो सोचता था कि यह कैसे बनती होगी। साथ ही आजमगढ़ िनजामाबाद की पॉटरी के बारे में भी काफी बार सुना हुआ था। ऐसे में इसके बनाने के तरीके के बारे में जानने और इसे सीखने के लिए इस वर्कशॉप में आया हूं। फिलहाल पॉटरी सेट, मिट्टी के कप सहित अन्य वस्तुएं कैसे बनाई जाती हैं, उनके बारे में सीख रहा हूं। -अभिषेक गवांडे, प्रशिक्षणार्थी
मिट्टी के बर्तन बनाना और डिजाइन करना सीख रही हूं
मैं काफी समय पॉटरी मेकिंग सीखना चाह रही थी। मानव संग्रहालय में पॉटरी मेकिंग वर्कशॉप के बारे में पता चला तो अपना रजिस्ट्रेशन कराया और अब पॉटरी बनाना सीख रही हूं। पॉटरी मेकिंग काफी मुश्किल काम है, लेकिन समर वेकेशन में कुछ सीखने के लिए अच्छा है। यहां पर एंजॉयमेंट के साथ मिट्टी के बर्तन बनाना और उनमें डिजाइन करना भी सीख रही हूं। -पूर्वी सोनी, प्रशिक्षणार्थी