इंदौरमध्य प्रदेश

Indore Law College Controversy : भोपाल से जांच समिति पहुंची लॉ कॉलेज, गृह मंत्री बोले- डॉक्टरेट की डिग्री होगी वापस

इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में विवादित किताब पढ़ाए जाने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। इस पर मंगलवार को भोपाल से जांच समिति की टीम लॉ कॉलेज पहुंची हैं। टीम के तीन सदस्य लॉ कॉलेज में जांच कर रहे हैं। बता दें कि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर लॉ कॉलेज के प्रकरण को लेकर समिति बनाई गई है।

ये सात सदस्यीय टीम विद्यार्थियों की शिकायत की जांच करेगी। इसके बाद टीम तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं इस मामले में शनिवार को पुलिस ने किताब की लेखिका और प्रकाशक के साथ ही संस्थान के प्राचार्य और एक प्राध्यापक के खिलाफ FIR दर्ज की है।

लेखिका के घर पर पहुंची पुलिस

विवादित किताब के मामले में पुलिस का कहना है कि सामने आए तथ्यों की जांच की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस लेखिका के घर पर गई थी, लेकिन वह वहां नहीं मिली। वहीं प्रकाशक के संबंध में भी पुलिस पहुंची है। इसी के साथ पुलिस कमेटी की जांच के फैक्ट को भी लेगी। बहुत जल्द ही जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा। अभी तक इस मामले में 4 लोगों पर FIR दर्ज की गई है, लेकिन इसमें अन्य की भी संभावनाएं हैं। संभव है कि इस किताब का प्रकाशन महिला के नाम पर किया गया है।

लेखिका और प्रकाशक की होगी गिरफ्तारी

इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में विवादास्पद किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति’ पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान सामने आया है। गृह मंत्री मिश्रा ने कहा- इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में विवादास्पद किताब मामले में लेखिका डॉ. फरहत खान और प्रकाशक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें गठित कर दी गई है। डॉ. फरहत खान की डॉक्टरेट की डिग्री की वापसी के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखेंगे।

हिंदू संगठनों के खिलाफ लिखी ये बातें

शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में रखी डॉ. फरहत खान की किताब में विश्व हिंदू परिषद को लेकर लिखा है- हिंदू सांप्रदायिक विध्वंशकारी विचारधारा के नाम में उभर रहा है। विश्व हिंदू परिषद जैसा संगठन हिंदू बहुमत का राज्य स्थापित करना चाहता हैं और दूसरे समुदायों को शक्तिहीन बनाकर गुलाम बनाना चाहता हैं। पंजाब में सिखों के खिलाफ शिवसेना जैसे त्रिशूलधारी नए संगठनों ने मोर्चा बना लिया है। अपनी सांप्रदायिक गतिविधियों को मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों से संचालित करने लगे हैं।

इसके अलावा लिखा- शिवसेना हिंदू राष्ट्र का नारा दे रही है, जो पूरे सिख समाज के विरुद्ध हैं। अब शिवसेना के नौजवान सिखों के घरों में डकैती और अनजानी घटनाएं कर रहे हैं। यहां तक कि निर्दोष सिखों की हत्याएं भी कर रहे हैं। हिंदू शिव सेना के लोगों ने बैंक में डकैतियां भी डाली हैं। पंजाब में जो कुछ हो रहा है, पंजाबी और उर्दू अखबार ही सही लिखते हैं और हिंदी अखबार झूठ। पंजाब का सच आज यह है कि मुख्य आतंकवादी हिंदू हैं और सिख प्रतिक्रिया में आतंकवादी बन रहा है।

किताब में हिंदू संगठनों के खिलाफ बातें लिखी गई हैं।

दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने की FIR

भंवरकुआं थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया कि ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ शीर्षक वाली किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, संस्थान के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और संस्थान के प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के एक छात्र की शिकायत पर भारतीय दंड विधान की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज की गई है।

लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में मौजूद इन किताब पर छात्रों ने जताई आपत्ति।

छात्रों का दावा- 5 साल से पढ़ा रहे थे किताब

कॉलेज में एबीवीपी के अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि यह किताब कॉलेज की लाइब्रेरी में पिछले पांच सालों से पढ़ाई रही है। डॉ. फरहत खान की किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ में हिंदू समुदाय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी जैसे संगठनों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। उन्होंने कहा कि मामला तूल पकड़ने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने इसे आनन-फानन में लाइब्रेरी से हटवा दिया।

प्रकाशक बोले- लेखिका मांग चुकी हैं माफी

इधर, किताब के प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के हितेश खेत्रपाल ने कहा-  किताब का पहला संस्करण 2015 में छापा गया था। 2021 में इसके विवादित अंशों के बारे में पता चलने पर हमने इसकी लेखिका डॉ. फरहत खान से चर्चा कर किताब के संबंधित पेज बदलवा दिए थे। विवादित अंशों को लेकर किताब की लेखिका पहले ही माफीनामा दे चुकी हैं।

मामले ने पकड़ा तूल

लॉ कॉलेज में विवाद की शुरुआत गुरुवार को हुई थी। उस दिन एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने संस्थान के कुछ शिक्षकों पर नए छात्रों के बीच धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। कार्यकर्ताओं का कहना था कि ये शिक्षक नए छात्रों के उनके मन में देश की सरकार और सेना को लेकर नकारात्मक बातें भर रहे हैं। हंगामे के बाद कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान ने 6 प्रोफेसर्स को शैक्षणिक कार्य से 5 दिन के लिए हटाने की बात कही थी। उन्होंने जिला अदालत के किसी रिटायर्ड जर्ज से आरोपों की जांच कराने की भी बात कही थी।

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