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Putin’s India Visit: अमेरिका के आगे न झुकने के लिए रूसी राष्ट्रपति ने की PM मोदी की तारीफ, भारत-रूस के बीच 28 समझौतों पर लगी मुहर

नई दिल्ली। 21वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आकर पुतिन ने संदेश दिया है कि रूस और भारत की दोस्ती अटूट है। इस दौरे पर दोनों देशों के बीच 28 समझौतों पर मुहर भी लगी है। नवंबर 2019 में ब्रिक्स समिट के बाद दोनों नेताओं के बीच ये पहली बातचीत है जिसमें पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन एक दूसरे के आमने सामने बैठे। रूस और भारत के बीच टू प्लस टू वार्ता हुई, जिसमें रक्षा सहयोग और विदेश मामलों पर बात हुई।

अमेरिकी धमकी के आगे नहीं झुका भारत

अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे के बाद भी भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल डील को अंजाम दिया था। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हमारे भारतीय मित्रों ने स्पष्ट और दृढ़ता से समझाया कि वे एक संप्रभु देश हैं और वे तय करेंगे कि किसके हथियार खरीदने हैं और कौन अन्य क्षेत्रों में भारत का भागीदार बनेगा। रूस से भारत को मिलने वाली एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 की सप्लाई शुरू हो चुकी है और यह आगे भी होती रहेगी।

दोनों देशों के बीच हुए 28 समझौते

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा छोटी लेकिन बेहद ही प्रोडक्टिव और महत्वपूर्ण रही। इस यात्रा के दौरान 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें व्यापार, संस्कृति, बौद्धिक संपदा, ऊर्जा, जनशक्ति, बैंकिंग में साइबर हमला, अकाउंटेंसी आदि क्षेत्र शामिल हैं। भारत और रूस ने अगले 10 सालों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग के एक कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

तेल और गैस क्षेत्र में भारत करेगा निवेश

श्रृंगला ने कहा- बातचीत में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर प्रमुखता से विचार किया गया। पिछले साल की तुलना में इस साल ट्रेड के बेहतर नतीजे भी आए हैं। भारत ने रूस के तेल – गैस समेत पेट्रोकैमिकल के क्षेत्र में निवेश करने के प्रति अपनी रुचि जाहिर की है। दोनों देशों की भविष्य को लेकर भी कुछ योजनाएं हैं। इसमें जलमार्ग, फर्टीलाइजर, स्टील, कोकिंग कोल, स्किल्ड मैनपावर सेक्टर में लंबे समय तक एक दूसरे का सहयोग भी शामिल है।

2+2 वार्ता भी हुई

भारत और रूस के बीच 21वीं शिखर वार्ता के साथ ही सोमवार को दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 बातचीत का भी दौर हुआ। श्रृंगला के मुताबिक एक तरफ जहां अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की योजना आगे बढ़ाने पर रजामंदी हुई। वहीं दोनों पक्ष जल्दी ही भारत के चेन्नई को रूस के व्लादिवोस्तक तक जोड़ने वाले समुद्री गलियारे पर भी तेजी से काम करने को सहमत हैं।

रूस की मदद से अमेठी में बनेगी एके-203 राइफल

भारत और रूस के रक्षा मंत्रियों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिल्ली दौरे से पहले रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर किए। इनमें एक अहम समझौता एके-203 राइफलों को लेकर भी हुआ है।

दोनों देशों बीच सांस्कृतिक सहयोग महत्वपूर्ण

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हम रूस के साथ अपनी बौद्ध से सबंधित मुद्दों पर संबंध गहन करने पर विचार कर रहे हैं। रूस में 15 मिलियन बौद्ध हैं। यह समुदाय तीर्थयात्रा और अन्य कारणों से भारत आने का इच्छुक है। इसलिए दोनों देशों बीच सांस्कृतिक सहयोग महत्वपूर्ण है।

आंतकवाद के मुद्दे पर भी हुई चर्चा

भारत और रूस के शीर्ष नेताओं ने आंतकवाद और अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर भी चर्चा की। विदेश सचिव के मुताबिक दोनों पक्ष इस बात को लेकर एकराय थी कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और सख्त उपाय किए जाने चाहिए। इतना ही नहीं दोनों देशों ने इस बारे में भी सहमति जताई कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए करने की इजाजत कतई नहीं दी जा सकती। शिखर वार्ता के साथ हुए समझौतों की कड़ी में भारत के रिजर्व बैंक और रूस के बैंक ऑफ रशिया ने सायबर हमलों के खिलाफ मिलकर लड़ने का करार किया। इसके अलावा इस्पात के क्षेत्र में भी साझेदारी बढ़ाने के लिए सहयोग समझौते पर दस्तखत किए।

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