
भोपाल। मौसम का बदलता मिजाज मध्य प्रदेश में किसानों पर भारी पड़ रहा है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बे-मौसम बारिश और ओले गिर रहे हैं। जिसके चलते फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में किसानों की गेहूं की फसल कटी हुई और निकली हुई रखी है। इसमें पानी लगने से किसानों को नुकसान होने का खतरा बना हुआ है। इसी बीच सीएम डॉ. मोहन यादव ने ओलावृष्टि और गेहूं खरीदी को लेकर प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए है।
खड़ी और कटी फसलों को नुकसान
मध्य प्रदेश में इस समय नई फसल की कटाई हो रही है साथ ही प्रदेश में गेहूं खरीदी का भी दौर चल रहा है। इस बे-मौसम बारिश के चलते फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। इसके साथ ही सब्जियों पर भी असर पड़ रहा है। जिससे किसान काफी चिंतित हैं। बारिश, तेज हवा और ओले से किसानों की खड़ी फसल को नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ जिन किसानों की फसल कटकर रखी हुई है, उन पर भी बारिश से भारी नुकसान का खतरा मंडरा रहा है।
सर्वे कराकर किसानों को देंगे मुआवजा : सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि असमय बारिश और ओलावृष्टि को लेकर प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं। किसानों की फसल का नुकसान नहीं होना चाहिए। सीएम ने कहा कि किसानों का जो गेहूं भीग गया है, उसकी थोड़ी सी चमक भी निकल जाएगी, तब भी हम उसे खरीदेंगे। यदि खेत के अंदर भी अगर कोई हानि होती है, तो उसका सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा देंगे। इसके अलावा पशु हानि या किसी अन्य प्रकार का नुकसान होगा तो सरकार उसके प्रति गंभीर रहेगी। सरकार सदैव किसानों के साथ खड़ी है।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) April 12, 2024
गेहूं की कम हुई पैदावार
प्रदेश में बेमौसम बारिश की मार किसान खेतों से लेकर उपार्जन केंद्रों तक झेलते हैं। खेतों में खड़ी और कटी हुई भीग जाती है। इसके अलावा निकाल कर रखी एवं उपार्जन केंद्रों के बाहर बेचने के लिए ले जाते हैं। तब भी बिकने से पहले ही फसल भीग जाती है। जिसका नुकसान किसान को ही उठाना पड़ता है। वहीं सीहोर जिले की रेहटी तहसील के सगोनिया गांव के किसान नंदकिशोर यदुवंशी ने बताया कि उनकी गेहूं की फसल पककर तैयार थी, लेकिन अचानक से हुई बारिश और तेज हवा से पूरी फसल खेत में ही बिछ गई। सगोनिया गांव के किसान अरुण यादव का कहना है कि फसल आड़ी होने से कटाई में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गेहूं में मिट्टी भी हो गई। वहीं पटरानी गांव के सोम सिंह पटेल का कहना है कि इस साल फूल पर गेहूं थे तभी से धुंधकार (कोहरा) छा गई थी, जिससे गेहूं ठीक तरह से पक नहीं पाए और हर साल से इस बार गेहूं की पैदावार भी कम हुई है।
इन जिलों में बरसे बादल
बारिश की बात की जाए तो इंदौर, उज्जैन, शहडोल, सागर में कहीं-कहीं, लेकिन भोपाल, जबलपुर संभागों के अनेक जिलों में तो नर्मदापुरम के सभी जिलों में बारिश हुई। वहीं, शेष संभागों में मौसम शुष्क बना रहा।