
बिजनेस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने भारत की अग्रणी एडटेक कंपनी रही Byju’s के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही को रद्द करने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही NCLAT के उस आदेश पर भी रोक लगाया गया है, जिसमें BCCI के साथ बायजू के 158.9 करोड़ रुपए के बकाया राशि के सेटलमेंट को मंजूरी मिली थी।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने BCCI को समझौते के तहत बायजू से मिले 158.9 करोड़ रुपए अलग खाते में रखने का निर्देश दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को होनी है। पीठ में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
लेंडर्स कंपनी ने समझौते का किया था विरोध
NCLAT ने 2 अगस्त को BCCI और Byju’s कंपनी के बीच पेमेंट सेटेलमेंट को मंजूरी दी थी। जिसके बाद NCLAT ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) के 16 जुलाई के आदेश को भी सस्पेंड कर दिया, जिसमें एडटेक कंपनी पर दिवालिया कार्रवाई शुरू होनी थी। जिसके बाद Byju’s की पेरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ को लोन देने वाली अमेरिकी लेंडर्स ग्लास ट्रस्ट कंपनी ने इस समझौते का विरोध किया था। लेंडर्स कंपनी के मुताबिक, Byju’s ने जो पैसे BCCI को दिए हैं वे उनके हैं।
क्या है BCCI-Byju’s विवाद
2019 की ‘टीम स्पॉन्सर एग्रीमेंट’ के मुताबिक, बायजू को भारतीय क्रिकेट टीम की किट पर अपना ब्रैंड दिखाने, क्रिकेट प्रसारण के दौरान विज्ञापन देने और BCCI की ओर से आयोजित की जाने वाली हर मैच के टिकट का एक्सक्लूसिव राइट दिया गया था। इसके लिए Byju’s BCCI को स्पॉन्सरशिप देता। Byju’s कंपनी ने पहले से चल रहे अपने वित्तीय संकटों के बावजूद यह डील साइन की थी। जिसके तहत Byju’s ने BCCI को मार्च 2022 तक का पेमेंट कर दिया था। लेकिन, उसके बाद वह पेमेंट करने में असफल रहा।
Byju’s ने जून 2022 में भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए पूरी तरह से पेमेंट नहीं किया। यही हाल आगे भी रहा, जिस वजह से अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक कई सीरीज और टूर के स्पॉन्सरशिप अमाउंट अनपेड ही रहे। जिनकी कुल अदायगी बढ़कर 158.9 करोड़ रुपए हो गई।
कभी 22 बिलियन डॉलर थी वैल्युएशन
एक समय Byju’s को भारतीय एडटेक इंडस्ट्री का प्रतिनिधि माना जाता था। कोविड-19 तक इसकी वैल्युएशन 22 अरब डॉलर गई थी। कोविड महामारी से उपजे लॉकडाउन के हालात से भी कंपनी को फायदा हुआ था। महामारी के बाद जब स्कूल दोबारा खुलने शुरू हुए, तब से Byju’s की हालत और खराब होती चली गई। स्कूल खुलने से Byju’s सर्विसेज की डिमांड मार्केट में घटने लगी। जनवरी में अमेरिकन मल्टीनेशनल इनवेस्टमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने Byju’s की वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर से घटाकर महज 1 अरब डॉलर कर दी थी। दो साल पहले फाइनेंशियल रिपोर्टिंग की डेडलाइन मिस करने और उसे लेकर बार-बार देरी करने के साथ ही कंपनी अपने आय और वैल्युएशन के आंकड़ों में पिछड़ने लगी।
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