
भोपाल। राजधानी की आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है। हैदराबाद पुलिस ने फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने वाले रैकेट में शामिल आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर केतन सिंह को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि रैकेट में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार हो चुके हैं।
ब्रेकिंग: हैदराबाद पुलिस ने भोपाल के आरकेडीएफ कॉलेज से प्रोफेसर को किया गिरफ्तार। फर्जी डिग्री दिलवाने के रैकेट में था शामिल। असिस्टेंट प्रोफेसर केतन सिंह को किया गिरफ्तार। #BrrakingNews #FakeDegree #PeoplesUpdate
— Peoples Samachar (@psamachar1) February 16, 2022
29 फर्जी डिग्रियों में केतन सिंह का नाम
हैदराबाद पुलिस सिटी कमिश्नर सीवी आनंद ने मीडिया को बताया कि फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सिटी कमिश्नर का दावा है कि केतन सिंह ने उन्हें बताया है कि आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के टॉप पोजीशन वाले लोग इस खेल को संचालित करते हैं। केतन सिंह का कहना है कि उसे तो केवल 10% कमीशन मिलता है। सारा पैसा ऊपर वाले रख लेते हैं। हैदराबाद पुलिस ने दावा किया कि 29 फर्जी डिग्रियों के मामले में केतन सिंह का नाम सामने आया है।

भोपाल पुलिस के साथ मिलकर की कार्रवाई
हैदराबाद पुलिस सिटी कमिश्नर ने बताया कि यह कार्रवाई हैदराबाद पुलिस कमिश्नर की टॉस्क फोर्स, नॉर्थ जोन टीम ने भोपाल पुलिस के साथ मिलकर की है। पुलिस टीम ने आसिफ नगर पुलिस थाना हैदराबाद के मेहदीपटनम में छापा मारकर रैकेट के सदस्यों को पकड़ा था। उनकी निशानदेही पर भोपाल से प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके पास से मदुरै कामराज विवि की 178, मद्रास विवि की 23, आरकेडीएफ की 29, स्वामी विवेकानंद विवि की 44 सर्टिफिकेट बरामद किए हैं।
फर्जी डिग्री बनाकर छात्रों बेचते थे
हैदराबाद पुलिस के मुताबिक, गुंटी महेश्वर राव और अंचा श्रीकांत रेड्डी मेहदीपटनम, हैदराबाद में प्राइड एजुकेशन एकेडमी के नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोल रखा था। इसका जुड़ाव भोपाल की सर्वपल्ली राधाकृष्णन यूनिवर्सिटी (RKDF), सागर की स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी से था। आरोपी इन्हीं यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट बनवाकर छात्रों को देते हैं। गुंटी महेशवर राव और अंचा श्रीकांत रेड्डी ने आरकेडीएफ के असिस्टेंट प्रोफेसर केतन सिंह के साथ मिलकर सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ लिंक बनाए। इसके बाद रैकेट फर्जी सर्टिफिकेट बेचने लगे।
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सर्टिफिकेट के लिए वसूलते थे फीस
- बी.टेक डिग्री सर्टिफिकेट के लिए 3 लाख रुपए।
- बीकॉम और बीए के लिए 1.5 लाख रुपए।
- बीएससी के लिए 1.75 लाख रुपए।
- एमबीए के लिए 2.75 लाख रुपए।
फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट मामले में शामिल जालसाज फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट के लिए रेट लिस्ट भी बना रखी थी। भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने बताया कि तीन दिन पहले हैदराबाद पुलिस भोपाल आई थी। फर्जी सर्टिफिकेट से जुड़ा मामला था।