
पल्लवी वाघेला-भोपाल। महिला आयोग में भोपाल की एक सास अपनी बहू की शिकायत करने पहुंची। बताया- बहू अब ऑफिस नहीं जाती। सारा दिन घर में रहती है। उसके बाद भी न घर का काम करती है और न ही पोते का ध्यान रखती है। कुछ कहने पर बहस करती है। मामले में बहू ने बताया कि वह वर्क फ्रॉम होम पर है। सास इसे छुट्टी ही मानती है और विवाद होता है। यह अकेला मामला नहीं है। महिला आयोग में बीते चार साल में करीब 350 मामले ऐसे पहुंचे हैं, जहां बहू के वर्क फ्रॉम होम के कारण सास या पति से विवाद की स्थिति पैदा हुई है।
कोविड-19 में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों जगह वर्क फ्रॉम होम करने के निर्देश जारी हुए। यह हिदायत पुरुष कर्मचारियों को तो रास आ गई, लेकिन महिला कर्मचारी खासकर विवाहित महिलाकर्मियों के लिए समस्या बन गई। नतीजा अलग- अलग फोरम पर महिलाओं ने शिकायत भेजी कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान पति और सास उन्हें इस बात के लिए परेशान कर रहे हैं कि वे घर के काम भी करें।
महिलाओं की व्यथा
महिला आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, यह केसेस कोविड के दौरान सबसे अधिक आए। हालांकि, मामलों में समझाइश के बाद कुछ केसेस में परिवार को बात समझ आ गई। वहीं, बीते साल में भी हर माह कम से कम एक केस ऐसा जरूर आया है। कुछ केस में विवाद इतना बढ़ा कि बात थाने तक भी पहुंची है। बता दें, महिलाओं की व्यथा है कि पति और ससुराल वाले यह नहीं समझते कि घर से ड्यूटी करते हुए उन्हें ऑनलाइन अपने दफ्तर से जुड़े रहना होता है, काम लगातार जारी रहता है।
एक महिला ने बताया कि पहले पति, बच्चों को स्कूल भेजने और घर के काम में मदद करते थे। अब दोनों वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, लेकिन पति का तर्क है कि सारा काम उसे ही करना चाहिए। इसके चलते परिवारों में कलह हो रही है। -डॉ. दीप्ति सिंघल, मनोवैज्ञानिक