
जबलपुर। जिले भर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। हालांकि शहरी क्षेत्र में इसका विरोध किया जा रहा है और कंपनियां वक्त की नजाकत को देखते हुए धीरे-धीरे घरेलू मीटरों को स्मार्ट मीटर में तब्दील कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ आउट सोर्स कर्मियों द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर में लेन- देन की बात भी सामने आ रही है। इस मामले को जिम्मेदार सिरे से नकार रहे हैं, लेकिन मीटर बदलने के नाम पर उगाही बातें सामने आ रही हैं। गौरतलब है कि घर के बाहर मौसम के तापमान से भी इनके तेज चलने की शिकायतें सामने आर्इं हैं। जनता इसका विरोध कर रही है, लेकिन बिजली कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारी डरा धमकाकर जबरदस्ती मीटर लगा रहे हैं। स्मार्ट मीटर को लेकर जो बातें कहीं जा रही हैं अगर वे सहीं हैं तो बिजली बिल बढ़ेगा जिसका असर सीधा उनके घर के बजट में पड़ेगा।
स्मार्ट मीटर को लेकर व्यापारी भी विरोध में
स्मार्ट मीटर को लेकर व्यापारियों में भी खासी नाराजगी देखी जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि बिजली देने का दावा खोखला साबित हो रहा है, क्योंकि बिजली प्रतिदिन भीषण गर्मी में तीन-चार घंटे गोल हो जाती है। इससे व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आमजन भी काफी त्रस्त हैं। साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा मीटर को टेंपर दिखाकर उपभोक्ताओं का शोषण किया जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर तेज चलता है जिससे मीटर रीडिंग ज्यादा आएगी और इसका असर बिजली बिल पर देखा जाएगा।
बंद मीटरों पर खास फोकस
जिन घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर बंद हैं, वे ठेका कर्मियों से नए मीटर लगाने की मिन्नत कर रहे हैं। ऐसे मामलों में बीच का रास्ता निकलने की बात भी सामने आ रही है और ठेका कर्मी भी जेब खर्च मिलने के कारण ऐसे मीटरों को बदलने पर खास फोकस कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल
- अब तक बदले गए मीटर 3.50 लाख
- पहले चरण में लक्ष्य 17 लाख मीटर
- पहले से मोंटे कार्लो कंपनी को ठेका
- अब अल्फावार कंपनी को भी दिया ठेका
नहीं लगने देंगे मीटर
बिजली विभाग चाहे लाख कोशिश कर ले लेकिन हम लोग स्मार्ट मीटर का विरोध करते रहेंगे। -सौरभ नाटी शर्मा, कांग्रेस नगर अध्यक्ष
पारदर्शिता के लिए जरूरी
पूर्व क्षेत्र कंपनी घरेलू व अन्य उपभोक्ताओं के मीटर पारदर्शिता के लिए बदल रही है। हालांकि शहरी क्षेत्र में इसका विरोध किया जा रहा है। -संजय भागवतकर, सीडीएम, पूर्व क्षेत्र कंपनी