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नाराज सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस विवाद पर सरकार से पूछा – पर्सनल फोन्स की हैकिंग हुई या नहीं

नई दिल्ली। पेगासस विवाद पर सरकार के रवैये से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान पूछा कि सरकार ने इस मामले में अब तक क्या किया है, उसने अब तक एफीडेविट दाखिल क्यों नहीं किया है। सरकार से इन सवालों को पूछने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

क्या कहा सरकार ने कोर्ट में

शीर्ष अदालत के सख्त रवैये के बाद सरकार ने कहा कि वह सुरक्षा कराणों वह इस मामले में एफीडेविट दाखिल नहीं कर सकती। लेकिन सरकार ने यह भी कहा कि उसके पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की तरफ से कहा कि कहा, ‘इस मामले पर कोई बात एफिडेविट के जरिए नहीं कही जा सकती। एफिडेविट दाखिल करना और फिर उसे सार्वजनिक किया जाना संभव नहीं है।’
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला होने से इस मामले में सरकार अतिरिक्त हलफनामा दायर नहीं करेगी। इस पर सीजे रमन्ना ने कहा – सरकार अतिरिक्त हलफनामा नहीं दाखिल करती है तो कोर्ट को आदेश जारी करना होगा।

और क्या कहा सॉलिसिटर जनरल ने

तुषार मेहता ने कहा कि हम आतंकियों को जानने का मौका नहीं दे सकते हैं कि हम किस सॉफ्टवेयर का प्रयोग करते हैं।
कोर्ट ने कहा कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा के तर्क को समझते हैं और इस पर कुछ बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन हमने पूछा है कि जिन लोगों ने निजी तौर पर फोन टेपिंग के आरोप लगाए हैं क्या वो सही हैं या नहीं। हम आपसे व्यक्तिगत तौर पर लोगों के फोन हैक किए जाने को लेकर जवाब मांग रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि इससे उनकी निजता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। किस एजेंसी के पास ऐसी क्षमता है। उसे ऐसा करने का अधिकार दिया गया था या नहीं।

इस पर सरकार की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि यदि कुछ लोग कह रहे हैं कि उनकी निजता का हनन हुआ है तो यह गंभीर है। हम इसकी जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन करेंगे।

 

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