भोपालमध्य प्रदेश

सवालों का सिलसिला जारी…. CM शिवराज ने उठाया जैविक खेती का मुद्दा, कमलनाथ ने चौपाई लिखकर साधा निशाना

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच सवाल-जवाब का खेल जारी है। ट्विटर पर वॉर में सीएम शिवराज ने शुक्रवार को एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी अपने वचन पत्र में जैविक खेती के लिए विशेष पैकेज की बात करने के बाद इस प्रकार की खेती को ही भूल गई।

पूर्व मध्यमंत्री कमलनाथ ने श्रीरामचरितमानस की चौपाई का इस्तेमाल करते हुए शिवराज पर पलटवार किया। उन्होंने रामायण की चौपाई लिखते हुए कहा-शिवराज जी, समझदार को इशारा काफी होता है।

कांग्रेस वोट लेने के बाद वादे भूल गई : सीएम

स्मार्ट सिटी पार्क में शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि कांग्रेस ने वोट लेने के लिए अनेकों वादे किए पर उन्हें पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था कि जैविक खेती के प्रशिक्षण, प्रमाणित बीज एवं विपणन हेतु विशेष पैकेज दिया जाएगा। विशेष पैकेज देना तो दूर वह जैविक खेती को ही भूल गए।

कमलनाथ बोले- समझदार को इशारा काफी होता है

पूर्व मध्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने रामचरित मानस की एक चौपाई के जरिए सीएम शिवराज को घेरा है। कमलनाथ ने लिखा- श्रीरामचरितमानस में भगवान श्रीलक्ष्मण को समझाते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने कहा- जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी। सो नृपु अवसि नरक अधिकारी।। (इस चौपाई का अर्थ है कि जिस राज्य की जनता कष्ट में होती है वहां का राजा जो अपने कर्तव्य का पालन नहीं करता वह नर्क गामी होता है)। शिवराज जी, समझदार को इशारा काफी होता है।

शिवराज से पूछा- 50 लाख युवाओं का रोजगार कहां है

कमलनाथ ने आगे लिखा- मध्य प्रदेश में किसान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में जवान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में नौजवान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में माताएं-बहनें दुखी हैं, मध्यप्रदेश में दलित और आदिवासी दुखी हैं। उनके दुख का कारण आपका झूठ है। आपने उनसे झूठा वादा किया था: हम 50 लाख युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करेंगे। कहां है वह तैयारी और कहां है वह रोजगार। जवाब दीजिए शिवराज जी।

कल भी चौपाई से बोला था हमला

बता दें कि कल भी कमलनाथ ने तुलसीदास की चौपाई लिखते हुए सीएम शिवराज पर निशाना साधा था। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा झूठइ लेना, झूठइ देना। झूठइ भोजन, झूठ चबेना। बोलहिं मधुर बचन जिमि मोरा। खाइ महा अहि हृदय कठोरा।। शिवराज जी, आप जैसी झूठ की मशीनों के लिए सदियों पहले रामचरितमानस में यह चौपाई लिखी गई थी। इसलिए भगवान से डरिए और झूठी घोषणाएं बंद कर दीजिए। जनता को पुरानी झूठी घोषणाओं का हिसाब दीजिए।

मध्य प्रदेश की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button