भोपालमध्य प्रदेश

पेसा जागरुकता सम्मेलन : CM शिवराज बोले- गांवों का प्रबंधन अब ग्रामसभाएं करेंगी, अनुमति के बिना नहीं ली जा सकेगी जमीन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को नर्मदापुरम जिले के केसला पेसा जागरुकता सम्मेलन में शामिल हुए। सीएम ने पेसा कानून के बारे में लोगों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कपट और छल से धर्मांतरण, मध्य प्रदेश की धरती पर मैं किसी भी कीमत पर नहीं होने दूंगा। ग्रामसभाओं को विभिन्न कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पेसा एक्ट किसी के खिलाफ नहीं है : सीएम

सभा को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि जनजातीय भाई-बहनों को पेसा एक्ट अधिकार संपन्न बना रहा है। यह प्रदेश के 89 जनजातीय ब्लॉकों में लागू किया जा रहा है। पेसा एक्ट किसी के खिलाफ नहीं है। न सामान्य वर्ग के खिलाफ है। न ओबीसी के खिलाफ है। पेसा जनजातीय इलाकों में प्रभावी होगा, शहरों में लागू नहीं होगा।

ग्रामसभा में नक्शा, खसरा और b1 की नकल रखनी होगी

सीएम ने कहा कि जहां-जहां पेसा कानून लागू हो रहा है वहां हर साल पटवारी और बीट गार्ड को ग्रामसभा में नक्शा, खसरा और b1 की नकल रखनी पड़ेगी। ताकि कोई किसी की जमीन हथिया न पाए। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामसभा की अनुमति के बिना किसी जनजातीय भाई-बहन की जमीन नहीं ली जा सकेगी। जिसकी जमीन है, वही अब तय करेंगे कि उन्हें पुल, पुलिया, सड़क के लिए अपनी भूमि देनी है या नहीं।

प्रोजेक्ट के लिए जमीन लेनी है तो भी ग्रामसभा की अनुमति लें : सीएम

सीएम ने कहा कि अगर राजस्व के रिकॉर्ड में कोई गलती पाई जाती है तो ग्रामसभा उसको ठीक करवाएगी। जहां-जहां पेसा ग्रामसभा बनेगी, वहां अगर किसी प्रोजेक्ट के लिए जमीन लेनी है तो यह जमीन ग्रामसभा की अनुमति के बिना नहीं ली जा सकती। सीएम ने कहा कि भगवान ने जल, जमीन, जंगल सबके लिए बनाएं। लेकिन, व्यवस्था ऐसी बन गई थी कि फायदा मुट्ठीभर लोग उठा रहे थे। पेसा के अंतर्गत हम जनजातियों की जमीन पर उन्हें अपना अधिकार दे रहे हैं।

खदानों पर पहला हक जनजातीय सोसाइटी का होगा : सीएम

गांवों का प्रबंधन अब ग्रामसभाएं करेंगी। अब आपके तालाबों का फैसला भी ग्रामसभाएं ही करेंगी और उससे होने वाली आमदनी पर भी आपका ही अधिकार होगा। कोई भी रेत, गिट्टी या पत्थर की खदान है अगर इसका सर्वे शासन को भी करना है तो ये बिना ग्राम सभा की सहमति के नहीं होगा। अनुसूचित क्षेत्र में खदानों में पहला हक होगा जनजातीय सोसाइटी का, दूसरा हक होगा जनजातीय बहनों का और तीसरा हक होगा जो पुरुष अप्लाई करेंगे उनका। ताकि आपका अधिकार बना रहे और आप इसका लाभ उठा सकें।

गांवों में शांति और विवाद निवारण समिति बनेगी : सीएम

सीएम ने कहा कि गांव से यदि किसी मजदूर को कोई बाहर ले जाएगा, तो उसे गांव में अपना परिचय लिखवाने के बाद ही ले जाने की अनुमति मिलेगी। ताकि किसी श्रमिक को कोई परेशान न कर सके। ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई बाहर का आदमी गांव में नहीं रह पाएगा। मनरेगा या बाकी कार्यों में सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी श्रमिक को देनी पड़ेगी। साथ ही गांवों में शांति और विवाद निवारण समिति बनेगी, जिसे छोटे-मोटे विवादों को गांवों में ही निपटाने का अधिकार होगा। इस समिति में एक तिहाई सदस्य बहनें ही होंगी।

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