
भोपाल। इसी साल जनवरी (2022) में भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म-6 पर 400 वर्ग फीट में टेंटनुमा अस्थाई रैन बसेरा बनाने और आयुक्त की जानकारी में लाए बिना एजेंसी को 36 लाख रुपए से ज्यादा का पेमेंट करने के मामले में मामले में नगर निगम ने अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इस मामले में शुक्रवार को जनसंपर्क अधिकारी प्रेम शंकर शुक्ला का तबादला कर दिया गया। वहीं, जनसंपर्क विभाग के प्रमुख अपर आयुक्त एमपी सिंह से जनसंपर्क का प्रभार छीन लिया गया है।
इस मामले का खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ था। इस संबंध में पीपुल्स अपडेट डॉट कॉम ने ‘घपलों का रैन बसेरा : 40 दिन में टेंट के लिए चुकाए 36 लाख, इतने में 800 वर्ग फीट का स्थाई निर्माण हो जाता’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। पीपुुल्स की खबर पर संज्ञान लेते हुए निगम आयुक्त केवीएस चौधरी कोलसानी ने मामले की जांच कराई थी। इसके बाद सहायक जनसंपर्क अधिकारी प्रेम शंकर शुक्ला को जनसंपर्क से कार्यमुक्त कर प्रभारी वाचनालय बनाया गया है। इधर, जनसंपर्क के मुखिया अपर आयुक्त एमपी सिंह से जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी लेते हुए अपर आयुक्त शाश्वत मीणा को यह जिम्मेदारी दी गई है।
आदेश से एमपी सिंह का नाम गायब
अस्थाई रैन बसेरे के पेमेंट की नोटशीट शुक्ला ने बनाई थी। इसे उन्होंने एमपी सिंह को मार्क किया था। इसके बाद टेंट लगाने वाली एजेंसी को पेमेंट किया गया। लेकिन, शुक्रवार को जो आदेश जारी हुआ, उसमें बड़ी चालाकी से लिखा गया कि नए अपर आयुक्त विनीत तिवारी को प्रथम अपीलीय अधिकारी लोक सूचना, उद्यान एवं अतिक्रमण शाखा का दायित्व सौंपा जाता है। वहीं अपर आयुक्त शाश्वत मीणा को जनसंपर्क शाखा का प्रभार सौंपा जाता है। अब वह प्रथम अपीलीय अधिकारी लोक सूचना के दायित्व से मुक्त रहेंगे। आदेश में एमपी सिंह से जिम्मेदारी वापस लेने का उल्लेख नहीं किया गया, जबकि शाश्वत मीणा वही अधिकारी हैं, जिन्होंने प्रथम अपीलीय अधिकारी रहते हुए जनसंपर्क विभाग को आरटीआई के तहत प्लेट फार्म-6 पर बनाए गए रैन बसेरे की जानकारी देने को मजबूर किया था।
क्या है मामला
आरटीआई एक्टीविस्ट नितिन सक्सेना ने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी कि भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म-6 पर बनाए गए अस्थाई रैन बसेरे में कितनी रकम खर्च की गई और किन-किन विभागों द्वारा क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई। जनसंपर्क विभाग से जानकारी न मिलने पर सक्सेना को अपील में जाना पड़ा। प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्देश पर जनसंपर्क विभाग ने बताया कि 40 दिन अस्थाई रैन बसेरा लगाया गया था। रैन बसेरा बनाने वाली फर्म को 36 लाख 10 हजार 163 रुपए का पेमेंट किया गया।