भोपालमध्य प्रदेश

Bhopal में घपलों का रैन बसेरा : 40 दिन में टेंट के लिए चुकाए 36 लाख रुपए, इतने में 800 वर्गफीट का स्थाई निर्माण हो जाता

भोपाल। राजधानी में अंदरूनी सड़कों का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। बिल नहीं जमा होने से विद्युत वितरण कंपनी आए दिन स्ट्रीट लाइट और निगम के दफ्तरों के कनेक्शन काट रही है। इसके पीछे निगम हमेशा आर्थिक तंगी का हवाला देता है। इधर, दूसरी तरफ फिजूलखर्ची हो रही है। इसकी बानगी भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म-6 पर इसी साल जनवरी में बनाया गया अस्थायी रैन बसेरा है। 40 दिन के लिए बनाए गए टेंटनुमा अस्थाई रैन बसेरे के लिए एजेंसी को निगम ने 36 लाख रुपए से ज्यादा का पेमेंट किया। जानकारों का कहना है कि इस रकम से तो 800 वर्ग फीट में पक्का दो मंजिला इमारत बन सकती है।

आरटीआई से खुलासा

यह खुलासा आरटीआई के तहत दी गई जानकारी से हुआ है। आरटीआई एक्टीविस्ट नितिन सक्सेना ने जानकारी चाही थी कि प्लेटफार्म नंबर 6 पर बनाए गए अस्थाई रैन बसेरे में कितनी रकम खर्च हुई। यहां किन-किन विभागों द्वारा क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई हैं। जानकारी न मिलने पर सक्सेना को अपील में जाना पड़ा। प्रथम अपीलीय अधिकारी ने निगम के जनसंपर्क विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को तत्काल जानकारी देने के निर्देश दिए। जनसंपर्क विभाग ने बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर-6 पर 40 दिन अस्थाई रैन बसेरा (टेंट) लगाया गया था। इसका एक दिन का किराया 75 हजार रुपए था। अस्थाई रैन बसेरा बनाने वाली फर्म को कुल 36 लाख 10 हजार 163 रुपए का पेमेंट किया गया। दूसरी तरफ एनयूएलएम द्वारा जानकारी दी गई कि अस्थाई रैन बसेरा में विभाग द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के साथ ही यहां गद्दा, तकिया और कंबल की व्यवस्था अन्य रैन बसेरों से लाकर की गई थी। इसके लिए कोई खर्च नहीं किया गया।

24 घंटे में बना था रैन बसेरा

दरअसल, इसी साल जनवरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रात के वक्त शहर का जायजा लेने निकले थे। उन्होंने फुटपाथ पर सोने वालों को रैन बसेरों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। भोपाल स्टेशन पर खुले में सो रहे लोगों को देखकर उन्होंने निगम को प्लेटफार्म नंबर-6 के पास 24 घंटे में अस्थाई रैन बसेरा बनाने को कहा था। इसके बाद निगम ने 24 घंटे में अस्थाई रैन बसेरा तैयार कर दिया था।

एक महीने में ही हो गया पेमेंट

नगर निगम के कॉन्ट्रैक्टर्स का पेमेंट सालों से नहीं हुआ। तंगहाली के चलते करीब 100 करोड़ रुपए का पेमेंट अटका हुआ है। 2-4 लाख रुपए का पेमेंट होने में भी तीन से चार या छह महीने लग जाते हैं। इधर, निगम सूत्रों की मानें तो अस्थायी रैन बसेरा के लिए टेंट लगाने वाली फर्म को दो महीने के अंदर मार्च में ही भुगतान कर दिया गया।

कहां कैसे-चली फाइल

अस्थाई रैन बसेरा टेंट के भुगतान के लिए फाइल पीआरओ प्रेम शंकर शुक्ला ने बनाई। उन्होंने नोटशीट पर लिखा कि कलेक्टर और आयुक्त के निर्देशानुसार सर्वसुविधा युक्त रैन बसेरा का निर्माण 24 घंटे में कराया गया, जो 40 दिन तक क्रियाशील रहा। एजेंसी द्वारा 36 लाख 10 हजार 163 रुपए का बिल दिया गया है, जिसका परिक्षण एवं सत्यापन कर दिया गया है। भुगतान किया जा सकता है। यहां से फाइल तत्कालीन उपायुक्त जनसंपर्क हर्षित तिवारी को भेजी गई। तिवारी ने अपर आयुक्त एमपी सिंह को फाइल भेजी। यहां से स्वीकृति मिलने के बाद भुगतान कर दिया गया।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-6 पर अस्थाई रैन बसेरा बनवाया गया था, जो कि 40 दिन तक रहा। इसका कितना भुगतान किया गया, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। फाइल देखने के बाद ही कुछ कह सकूंगा।
वीएस चौधरी कोलसानी, आयुक्त, नगर निगम

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