
मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। उनकी जगह झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्णन माथुर का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया गया है। इनके अलावा 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रपति ने बड़ा फेरबदल किया है।
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए राज्यपाल और उपराज्यपालों की लिस्ट-
- लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक, राज्यपाल, अरुणाचल प्रदेश
- लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, राज्यपाल, सिक्किम
- सीपी राधाकृष्णनन, राज्यपाल, झारखंड
- शिव प्रताप शुक्ला, राज्यपाल, हिमाचल प्रदेश
- गुलाब चंद कटारिया, राज्यपाल, असम
- रिटायर्ड जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, राज्यपाल, आंध्र प्रदेश
- बिस्वा भूषण हरिचंदन, राज्यपाल, छत्तीसगढ़
- अनुसुईया उइके, राज्यपाल, मणिपुर
- एल. गणेशन, राज्यपाल, नगालैंड
- फागू चौहान, राज्यपाल, मेघालय
- राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल, बिहार
- रमेश बैस, राज्यपाल, महाराष्ट्र
- ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीडी मिश्रा, उपराज्यपाल, लद्दाख
2019 में बने थे महाराष्ट्र के राज्यपाल
- साल 2019 में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उससे पहले कोश्यारी नैनीताल के सांसद भी रह चुके हैं।
- कोश्यारी का जन्म 17 जून 1942 को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले स्थित चेताबागड़ गांव में हुआ था।
- अक्टूबर 2001 में कोश्यारी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था। कोश्यारी केवल पांच महीने ही मुख्यमंत्री रहे।
- 2002 से 2007 तक वे उत्तराखंड विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे।
- साल 2008 से 2014 तक वे उत्तराखंड से राज्यससभा के सदस्य चुने गए थे।
शिवाजी को पुराने जमाने का कहने पर हुआ था विवाद
कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक विश्वविद्यालय के कार्यक्रम के दौरान कोश्यारी का बयान विवादों के घेरे में आ गया था। दरअसल, कोश्यारी ने यहां शिवाजी को पुराने दिनों का आइकॉन बताया दिया था। उन्होंने सभा में बाबासाहेब अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नए जामने का आइकॉन बताया था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी और एनसीपी चीफ शरद पवार भी मौजूद थे। इस बयान के बाद विपक्ष ने कड़ी आपत्ति उठाई थी और इस्तीफा मांगा था। शिंदे गुट ने भी कोश्यारी के बयान का विरोध किया था। इसके बाद कोश्यारी ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पद छोड़ने के संबंध में मार्गदर्शन मांगा था।
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