ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

तीन टोल नाके संभालेंगी महिलाएं, प्रयोग सफल तो 13 समूहों को मिलेगा मौका

पायलट प्रोजेक्ट: वसूली का 30 फीसदी हिस्सा स्व सहायता समूहों के खाते में जाएगा

भोपाल। सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए उन्हें टोल नाकों में वसूली की जिम्मेदारी भी देने जा रही है। ये वे टोल नाके है जिनसे सालाना दो करोड़ रुपए की कम की वसूली होती है। टोल वसूली का पूरा सिस्टम मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन एमपीआरडीसी तैयार कर रहा है। कारपोरेशन इन समूहों को पहले चरण की ट्रेनिंग भी दे चुका है।

इस संबंध में मध्य प्रदेश राज्य आजीविका मिशन से कारपोरेशन ने सहमति मांगी थी जो मिल गई है। बताया जाता है कि समूहों के बीच में अनुबंध होने के बाद टोलों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इन टोलों से वसूली का 30 फीसदी हिस्सा समूहों को दिया जाएगा। अगर एक टोल में सालभर के अंदर एक करोड़ रुपए वसूली होती है तो समूहों को तीस लाख रुपए मिलेंगे। तीनों टोलों में सालाना 80 लाख रुपए से डेढ़ करोड़ तक की वसूली होती है।

ये तीन टोल मिलेंगे

सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन-मक्सी पापधा टोल, शाजापुर-दुपाड़ा- नलखेडा में चाचाखेड़ी टोल, मलेहरा से चांदेल संजय नगर टोल नाका महिला स्व सहायता समूहों को देगी।

पुलिस करेगी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम

पायलट प्रोजेक्ट अगर सफल रहा तो एमपीआरडीसी 13 और टोल नाके महिलाओं के हवाले करने पर विचार करेगा। इसकी मुख्य वजह यह है कि इन टोलों को अभी निजी कंपनियों के हवाले किया गया है। अनुबंध की समय सीमा दो वर्ष तक है, जैसेजै से इन टोलों के अनुबंध की समय सीमा समाप्त होती जाएगी, वैसे वैसे ये टोल समूहों के सौंप दिए जाएंगे। टोलों के संचालन से पहले स्थानीय पुलिस को सूचना दी जाएगी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था हो सके ।

इसके पहले कई काम मिल चुके हैं समूहों को

  • सरकार गेहूं खरीदी का काम महिला स्वसहायता समूहों को पिछले तीन वर्ष से देती आ रही है। इस काम पर महिलाएं बेहतर काम कर रही हैं।
  • महिला स्व सहायता समूहों को स्कूली बच्चों के गणवेश बनाने का काम कई वर्षों से दिया जा रहा है, इसमें किसी तरह की शिकायतें सरकार के पास नहीं आई हैं।
  • कई जिलों में महिला ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर नल जल योजना में जल कर वसूली का काम कर रही हैं, जिसके परिणाम भी सकारात्मक आए हैं।

नर्णय के बाद 1 माह में एक्शन

शिवराज सरकार की कैबिनेट ने एक माह पहले ही महिला स्व-सहायता समूह द्वारा उपभोक्ता शुल्क संग्रहण के लिए नीति का अनुमोदन किया। इसके तहत महिला स्व-सहायता समूह को अधिक सक्षम एवं उपभोक्ता शुल्क (टोल) संग्रहण में सहभागिता तय करने के लिए यह निर्णय लिया था, जिस पर अमल भी शुरू कर दिया गया है।

टोल की मंजूरी दे दी है

एमपीआरडीसी ने मेरे पास महिला स्व सहायता समूहों के जरिए टोल संग्रहण करने के संबंध में सहमति पत्र भेजा था, जिसकी मंजूरी दे दी गई है। –एमएल बेलवाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी , मप्र राज्य आजीविका मिशन

संबंधित खबरें...

Back to top button