
इंदौर। मप्र के इंदौर को एक और उपलब्धि मिली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द द्वारा 29 मार्च को दिल्ली के विज्ञान भवन में इंदौर को राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इंदौर जिले की ओर से सांसद शंकर लालवानी और कलेक्टर मनीष सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किया गया। तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार- 2020 में पश्चिम जोन में इंदौर सर्वश्रेष्ठ जिला रहा।
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क्यों मिला इंदौर को पुरस्कार ?
बता दें कि इंदौर को ये पुरस्कार वर्ष 2020 में जल संरक्षण, जल स्रोतों के बचाव और वर्षा जल के संचय से भूजल स्तर बढ़ाने के उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया है। इसके तहत इंदौर जिले में कनाड़ और गंभीर नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में चेक डैम, गांवों में खेत तालाब व पहाड़ियों पर कंटूर ट्रेंच के निर्माण, मनरेगा में किए गए पौधरोपण के अलावा नगर निगम क्षेत्र में नाला टेपिंग, सीवेज के ट्रीटमेंट के काम शामिल हैं।
इंदौर जिले ने कई उत्कृष्ट कार्य किए हैं : मंत्री सिलावट
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार में पश्चिम जोन श्रेणी में प्रथम आने पर इंदौर के जनप्रतिनिधियों, प्रशासन और नागरिकों को बधाई दी। मंत्री सिलावट ने कहा कि नदी नाला टेपिंग, वाटर रिचार्जिंग यूनिट्स व वाटर प्लस के क्षेत्र में इंदौर जिले ने कई उत्कृष्ट कार्य किए हैं। जल संरक्षण के क्षेत्र में कई नवाचारों को इंदौर ने अपनाया है। इंदौर नवाचार का शहर है, यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सपनों का शहर है। शहर के जनप्रतिनिधियों, प्रशासन और नागरिकों के दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन का ही नतीजा है कि इंदौर को आज राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
इंदौर कई मापदंडों पर खरा उतरा : कलेक्टर
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि सेंट्रल ग्राउंडवाटर टीम द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिए जिले का सर्वे किया गया था। इसमें इंदौर कई मापदंडों पर खरा उतरा। जल संरक्षण, वॉटर रीसाइक्लिंग, सीवरेज प्रणाली प्रबंधन आदि घटकों का टीम द्वारा अवलोकन किया गया। सर्वे के दौरान टीम ने इंदौर नगर निगम द्वारा सभी सीवरेज प्लांट की टेपिंग, आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अवशिष्ठ मल-जल को उपचार के बाद ही पयार्वरण में छोड़े जाने,वेस्ट-वॉटर का पुन: उपयोग आदि गतिविधियों की प्रशंसा की।