
अनुज मीणा-भोपाल। मप्र सहित देश में जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए 49 संस्थान और एजेंसियां काम कर रही हैं, लेकिन पानी से संबंधित विभिन्न स्त्रोतों का डेटा बिखरा हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए जल संसाधन विभाग और मैपकास्ट ने एक अत्याधुनिक ‘डिजिटल वॉटर एटलस’ लॉन्च किया है। यह एटलस मप्र में काम कर रही पानी से संबंधित एजेंसियों का वॉटर डेटा एकत्रित करेगा।
पानी से संबंधित जानकारी एक प्लेटफॉर्म पर लाने, वॉटर बॉडीज की सटीक मैपिंग और डेटा संग्रहण के लिए इसे डिजाइन किया गया है। इसकी मदद से विभिन्न एजेंसियों के पास मौजूद पानी के डेटा को एक जगह एकत्रित किया जाएगा। इस वॉटर एटलस से सटीक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी, जिससे जल संसाधनों की बेहतर योजना और प्रबंधन को सुगम बनाया जा सकेगा।
यह है वॉटर एटलस तैयार करने की टीम : डिजिटल वॉटर एटलस को तैयार करने वाली टीम में जल संसाधन विभाग के एनएचपी डायरेक्टर आरके गुप्ता, डिप्टी डायरेक्टर डॉ. विजेंद्र बघेल, मैपकॉस्ट के वॉटर रिसर्च हेड डॉ. कपिल खरे, डॉ. आरएस भारद्वाज और हरि नटराजन शामिल हैं।
डिजिटल वॉटर एटलस की प्रमुख विशेषताएं
- डेटा संग्रहण: नदियां, झीलें, जलाशय और अन्य जल निकायों की जानकारी सरकारी विभागों, शोध संस्थानों और निजी संगठनों से जुटाई है।
- सटीक वॉटर बॉडीज मैपिंग: जीआईएस (जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम) तकनीक का उपयोग किया गया है, जो जल निकायों की सटीक स्थिति, आकार और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को मैप करता है। यह तकनीक जल निकायों की मौजूदा स्थिति और उनका विस्तृत चित्रण प्रदान करती है।
- डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग: डेटा का विश्लेषण करके विस्तृत रिपोर्ट्स तैयार की जा सकती है। ये रिपोर्ट्स जल गुणवत्ता, जल स्तर और जल उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं।
इस व्यवस्था से ये फायदा
मैपकॉस्ट के वॉटर रिसर्च हेड डॉ. कपिल खरे के मुताबिक डिजिटल वॉटर एटलस यानी स्टेट वॉटर रिसोर्स इंफोर्मेशन सिस्टम (SWRIS) में समस्त जल संरचनाओं की जानकारी एक जगह उपलब्ध हो सकेगी। इसमें सतही जल में बड़े बांध, तालाब, नदियां का वॉटर लेवल, जिसमें सिंचाई और पेयजल को वर्गीकृत किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट
डिजिटल वॉटर एटलस यानी स्टेट वॉटर रिसोर्स इंफोर्मेशन सिस्टम को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के प्रोजेक्ट वॉटर रिसोर्स इंफोर्मेशन सिस्टम के तहत तैयार किया गया। मप्र इसे लॉन्च करने वाला पहला प्रदेश है।
40 साल की बारिश का डेटा भी किया अपलोड
डिजिटल वॉटर एटलस में प्रदेश के 52 बड़े बांधों का डेटा, 40 साल में हुई बारिश की जानकारी अपलोड की हैै। जल संसाधन विभाग से संबंधित जल स्त्रोतों की डिटेल भी है। कुछ जानकारी सार्वजनिक रहेंगी। -डॉ. विजेंद्र बघेल, डिप्टी डायरेक्टर, जल संसाधन विभाग