(जफर खान ‘जफर’) इंदौर। शहर में इस साल आठ माह के दौरान हुए सड़कों हादसों में करीब सवा तीन सौ लोगों की मौत हो गई। बारिश के मौसम में हादसे बढ़ गए। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक हादसों का शिकार होने वाले ज्यादातर युवा चालक हैं। समीक्षा में ये भी पाया गया है कि हेलमेट नहीं होने से सिर में आई गंभीर चोटों के कारण अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा वाहन चालकों की जानें जा चुकी हैं।
ट्रैफिक पुलिस के अधिकृत सूत्रों के मुताबिक इस साल जनवरी से अगस्त माह तक सड़क हादसों में कुल 323 मौतें हुईं, जबकि 1798 लोग घायल हो गए। बारिश के तीन माह (जून, जुलाई व अगस्त) में वाहन दुर्घटनाएं बढ़ गईं, जिनमें कुल 139 लोगों की मौतें हुईं। सबसे ज्यादा 49 मौतें जून माह में होना दर्ज किया गया। तुलनात्मक रूप से ये नतीजा निकला कि इससे पूर्व साल 2020 में बारिश के तीन महीनों के दौरान 131 मौतें हुई थीं यानी इस साल मौतों की संख्या 8 और बढ़ गई।
जानकारों का मानना है कि बारिश के मौसम में खराब सड़क और फिसलन होने से वाहन दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। सामान्य दिनों में ब्रेक लगाते ही वाहन आसानी से रुक जाता है, लेकिन वर्षा के दिनों में गाड़ी (खासतौर पर दोपहिया वाहन) फिसल जाती हैं। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक हादसों के पीछे लापरवाही और वाहन चालक का नशे में होना, बारिश और सड़कों पर गड्ढे प्रमुख कारण हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई भी जा रही है। सितंबर माह में 200 से अधिक ऐसे चालकों के चालान बनाए गए हैं।
रिंग रोड, सर्विस रोड और बायपास पर ज्यादा दुर्घटनाएं
ट्रैफिक पुलिस की समीक्षा में पाया गया कि शहर के आउटर एरिया जैसे रिंग रोड, बायपास और सर्विस रोड पर ज्यादा दुर्घटनाएं और मौतें हुईं। हालांकि शहर के भीतरी मार्गों पर भी पानी भरे गड्ढे, खराब सड़क और नाला टैंपिग के कारण कई साधारण और गंभीर दुर्घटनाएं हुईं। एबी रोड पर देवास नाका क्षेत्र में बारिश में वाहन फिसलने से 3 दोपहिया वाहन सवारों की मौत हो गई। इस जगह इस साल आधा दर्जन मौतें हो चुकी हैं। सांवेर व एमआर-10 को जोड़ने वाले लवकुश चौराहे पर हादसों में 5 मौतें हुई हैं।
हेलमेट नहीं होने से सिर में गंभीर चोट बनी मौत का कारण
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक करीब एक हजार से ज्यादा हादसे ऐसे रहे, जिनमें बिना हेलमेट वाले दोपहिया चालक शिकार हुए। इनमें डेढ़ सौ से ज्यादा दोपहिया चालकों की जान हेलमेट नहीं होने से चली गई, क्योंकि उनके सिर में गंभीर चोटें आ गई थीं। जनवरी व फरवरी में बिना हेलमेट वाले 11-11 चालक, मार्च में 24, अप्रैल में 12, मई में 14, जून में 23, जुलाई में 22 और अगस्त में 21 यानी कुल 154 दोपहिया चालकों की जानें चली गईं।
कुछ दिन पहले ही सड़क के गड्ढे ने ले ली छात्रा की जान
वर्षा से भंवरकुआं थाना क्षेत्र में खस्ताहाल रिंगरोड के गड्ढे ने पिछले शनिवार को कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा सरिता की जान ले ली और सहेली गंभीर घायल हो गई थी। वह भाई और सहेली के साथ स्कूटर से गुजर रही थी। पानी भरे गड्ढे में स्कूटर का अगला पहिया धंस गया और तीनों गिर पड़े थे। इसी तरह 14 सितंबर को आईटीआई रोड परदेशीपुरा क्षेत्र में 5 लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर गंभीर घायल हो गए थे।