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1984 में पंकज उधास ने रवींद्र भवन में दी थी पहली और 2020 में आखिरी यादगार प्रस्तुति

भोपाल के कला जगत ने गजल गायक पंकज उधास को किया याद, साझा की उनसे जुड़ी स्मृतियां

प्रीति जैन गजल गायक पंकज उधास पहली बार 1984 में भोपाल के रवींद्र भवन में प्रस्तुति देने आए थे। भोपाल की प्रतिष्ठित संस्था अभिनव कला परिषद ने उन्हें रवींद्र भवन में आमंत्रित किया था। फिर भोपाल उत्सव मेले और होटल सयाजी में साल 2018 में प्रस्तुति देने भोपाल आए थे। तब उन्होंने श्रोताओं से मुखातिब होते हुए बताया था कि उनकी गजल चिट्ठी आई है…. को सुनकर सिलिकॉन वैली में रहने वाले एक शख्स ने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी और भारत वापस आए गए। पंकज उधास इसके बाद साल 2020 में मिंटो हॉल में गजल प्रेमियों के लिए मौजूद रहे, जहां बड़ी संख्या में श्रोता उन्हें सुनने पहुंचे थे, यह भोपाल में उनकी आखिरी प्रस्तुति रही।

भोपाल में प्रस्तुति देना उन्हें अच्छा लगता था

हमने भोपाल उत्सव मेले में लगभग पांच-छह साल पहले उन्हें प्रस्तुति देने बुलाया था। तब एयरपोर्ट से आते समय उन्होंने कहा था कि भोपाल आना हमेशा ही अच्छा लगता है क्योंकि यहां गजल बहुत अदब से सुनी जाती है। मेले में उनकी एंट्री मैंने ही कराई थी और परिचय दिया था। वे भोपाल की सुंदरता को पसंद करते थे और कहते थे कि ऐसे खूबसूरत शहर बने रहना चाहिए। -सुनील जैनाविन, समाजसेवी

पंकज उधास को दिया था सम्मान

अभिनव कला परिषद के बसंत उत्सव संगीत समारोह में हमने गायक पंकज उधास को सम्मानित किया था। हम उससे पहले गायक हरिहरन,तलत अजीज, पिनाज मसानी, अनूप जलोटा को बुला चुके थे, तो पंकज जी की इच्छा थी कि भोपाल में भी वे प्रस्तुति दें। फरवरी का ही महीना था और रवींद्र भवन का सभागार खचाखच भरा था। रूप कुमार रौठार उनके साथ संगत कर रहे थे और जैसे ही पंकज घुघरूं टूट गए… गजल के आखिर में पहुंचे तब रूप कुमार राठौर ने तबले से जो घुघरूं टूटने की आवाज पेश की वो मेरे जेहन में आज तक ताजा है। पूरे हॉल ने खड़े होकर दोनों कलाकारों का अभिनंदन किया था। -पंडित सुरेश तांतेड़, संगीतज्ञ

पंकज उधास ने लाइव कॉन्सर्ट में ली थी चुटकी

भोपाल में हुए कॉन्सर्ट से पहले मेरी उनसे मुलाकात हुई थी और बड़े प्रेम और आदर के साथ उन्होंने तस्वीर भी क्लिक कराई। मुझे याद है कि उन्होंने कॉन्सर्ट में चुटकी लेते हुए कहा था कि अमूमन हर आदमी को लगता है कि गजल गायक शराबी होता है, लेकिन मैं नहीं पीता, हालांकि मैं यहां पानी भी पी रहा हूं तो आपको लगेगा कि कुछ और पी रहा हूं। उनकी इस बात को सुनकर श्रोताओं ने तालियां बजार्इं थीं। इसके बाद उन्होंने अपनी पॉपुलर गजल सुनाई, सबको मालूम है मैं शराबी नहीं फिर भी कोई पिलाएं तो मैं क्या करूं…। -आरके शर्मा, गायक

राजकपूर ने कहा था भाई पंकज ‘चिट्ठी आई है’ से तू अमर हो गया

पीपुल्स समाचार आई एम भोपाल को 30 सितंबर 2018 में दिए इंटरव्यू में पंकज ने उधास बताया था कि एक्टर राजकपूर ने μलाइट में मुझसे कहा था कि चिट्ठी आई है गीत गाकर भाई पंकज तू तो अमर हो गया। भोपाल के शायर आलोक श्रीवास्तव का भी जिक्र किया था जिनके लिखी गजलों को उन्होंने अपनी आवाज दी थी।

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