
आजकल सोशल मीडिया पर घिबली-स्टाइल की एआई आर्ट का ट्रेंड जोरों पर है। Open AI के चैटजीपीटी अपडेट ने इसे और आसान बना दिया है, जिससे लोग स्टूडियो घिबली के एनिमेशन जैसी छवियां बना रहे हैं। यह ट्रेंड केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके साथ कई प्राइवेसी चिंताएं भी जुड़ी हैं।
डेटा सुरक्षा की चिंता
प्रोटॉन, जो डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटी पर काम करता है, उसने एक्स पर चेतावनी दी कि “एक बार जब आप एआई के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते हैं, तो आप उन पर नियंत्रण खो देते हैं। यह तस्वीरें एआई मॉडल को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं और संभावित रूप से गलत उद्देश्यों के लिए भी प्रयोग में आ सकती हैं।”
व्यक्तिगत जानकारी का जोखिम
ब्रिटिश फ्यूचरिस्ट एले फैरेल-किंग्सले ने भी ट्वीट किया कि “एआई टूल्स में तस्वीरें या विचार अपलोड करने से मेटाडाटा, लोकेशन और संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा रहता है, खासकर बच्चों के लिए। अगर कोई सेवा मुफ्त है, तो आप और आपका डेटा ही इसकी कीमत होते हैं।”
यूज़र्स को सतर्क रहने की ज़रूरत
डिजिटल प्राइवेसी एक्टिविस्ट्स ने भी ओपनएआई के इस नए एआई जेनरेटर पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बिना सहमति के तस्वीरों का इस्तेमाल कर इन्हें एआई के प्रशिक्षण में शामिल किया जा सकता है, जिससे यूज़र्स का उन पर कोई नियंत्रण नहीं रहेगा।
घिबली-स्टाइल एआई आर्ट ट्रेंड भले ही मनोरंजक हो, लेकिन इसके पीछे संभावित प्राइवेसी खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यूज़र्स को चाहिए कि वे किसी भी एआई प्लेटफॉर्म पर अपनी निजी तस्वीरें साझा करने से पहले उसके संभावित खतरों को अच्छे से समझ लें।