
भोपाल। राजधानी से बड़ी खबर सामने आई है। NIA की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को साल 2013 में सेंधवा बॉर्डर पर सिमी आतंकियों और एटीएस के बीच हुई मुठभेड़ मामले में 4 आतंकियों को सजा सुनाई गई है। सिमी सरगना अबू फैजल के अलावा तीन अन्य आतंकियों उमर, सादिक और इमरान नागौरी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उमर और सादिक को धारा-16 और 4/5 UAPA एक्ट के तहत ट्रिपल उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने 9 साल बाद किया सजा का ऐलान
गौरतलब है कि साल 2013 में सेंधवा बॉर्डर पर सिमी आतंकियों और एटीएस के बीच मुठभेड़ हुई थी। तभी इन आतंकियों को एटीएस की टीम ने गया था। जिसमें 15 आरोपी बनाए गए थे। इस मामले में 7 लोगों का इनकाउंटर हुआ था। सिमी आतंकियों को आज जिला कोर्ट में पेश किया गया था। जहां करीब 9 साल बाद कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है।
कोर्ट ने आंतकी उमर दंडोति और मोहम्मद सादिक को आजीवन कारावास, इरफान नागौरी को 10 साल की सजा और अबु फैजल को 10 साल की सजा सुनाई है। सबूतों के अभाव में 4 आरोपी छूट गए हैं, जिनके खिलाफ राज्य सरकार हाईकोर्ट जाएगी।
केंद्रीय जेल भोपाल में बंद हैं दो आरोपी
यह फैसला NIA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल ने सुनाया। सजा के बाद पुलिस ने दोनों आतंकियों उमर औऱ सादिक को कोर्ट से किया गिरफ्तार। वहीं इमरान नागौरी और अबू फजल पहले से केन्द्रीय जेल भोपाल में बंद हैं। दोनों आतंकियों की कड़ी सुरक्षा के बीच चिकित्सा परीक्षण के बाद सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) September 16, 2022
दरअसल, 24 दिसंबर 2013 में सोलापुर के महाराष्ट्र के समीप आतंकियों के पास से विस्फोटक मिला था। पुलिस के साथ इनकी मुठभेड़ हुई थी। तब देश के बड़े नेता और प्रसिद्ध लोगों की हत्या करने की तैयारी में थे।
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क्या है सिमी ?
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (सिमी) भारत में प्रतिबंधित एक संगठन है। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में किया गया। भारत सरकार की मान्यता है कि सिमी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। इसके चलते सिमी भारत में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भागीदारी के लिए 2002 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। सिमी को अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट 1967 (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया गया था।