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पिंक सॉल्ट है मार्केटिंग गिमिक, इससे बेहतर है रोजाना वाला नमक पांच ग्राम से अधिक न लें

‘मोर हर्ब्स लो सॉल्ट’ डे 29 अगस्त को मनाया जाता है, ताकि लोग जागरूक हों कि अपने खानपान में उन्हें नमक की मात्रा को कम करना है क्योंकि मेडिकल फील्ड में नमक को सफेद जहर के समान माना जाता है, जिसकी अधिकता से ब्लडप्रेशर बढ़ने से लेकर स्ट्रोक और अटैक तक आते हैं। शहर की डायटीशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक जब से बाहर का खाना रेगुलर चलन में आया है, तब से एक भारतीय औसतन 10 ग्राम से ज्यादा नमक का इस्तेमाल एक दिन में करता है यानी जितना जरूरी है, उससे दोगुना। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का लक्ष्य है कि 2025 तक नमक का उपयोग खानपान में 30 फीसदी तक कम किया जाना चाहिए, इससे लोगों की बीपी की समस्या और हार्ट की परेशानी में काफी हद तक कम हो सकती है। वहीं ग्रीन वेजी व सलाद को खाने में बढ़ावा देना चाहिए। वहीं हिमालयन पिंक सॉल्ट यानी सेंधा नमक को प्रमोट किया जा रहा है कि इसमें कम सोडियम होता है लेकिन यह भी मार्केटिंग गिमिक भर है।

ब्लड टेस्ट से पता चलता है सोडियम लेवल

ब्लड टेस्ट से पता चल सकता है कि शरीर में सोडियम, पोटेशियम और इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा कितनी है। इसी सोडियम लेवल को देखकर डॉक्टर नमक का लेवल बता सकते हैं। साल में एक बार जब भी ब्लड टेस्ट कराएं इसे जरूर चेक करें।

पैक्ड फूड का कम करें इस्तेमाल

पैक्ड फूड और चिप्स आदि के पैकेट के बढ़े चलन के कारण सॉल्ट इंटेक लगातार बढ़ रहा है इसलिए लो सॉल्ट या जीरो सॉल्ट वाली सिजनिंग्स भी अब आने लगी हैं तो उनका इस्तेमाल करें। सॉल्टेड बटर की बजाए नॉन-सॉल्टेड बटर का इस्तेमाल करें। डाइनिंग टेबल से सॉल्ट बॉटल को हटा दें। स्वाद बढ़ाने के लिए नमक को नींबू के रस से रिप्लेस कर दें। सलाद में टमाटर शामिल करें ताकि नमक की ज्यादा कमी महसूस न हो।

सेंधा नमक में आयोडिन नहीं

सेंधा नमक हो या साधारण आयोडिन नमक सोडियम की मात्रा दोनों में लगभग समान रहती है इसलिए यह सोचकर सेंधा नमक या पिंक साल्ट इस्तेमाल करना कि सोडियम इंटेक कम हो जाएगा गलत है, बल्कि सेंधा नमक में आयोडिन नहीं होता, जिसकी वजह से थायराइड ग्रंथि प्रभावित होती है। दूसरा, अगर आप सिर्फ सेंधा नमक खाते हैं तो पोटेशियम की मात्रा शरीर में बढ़ने से हार्ट पर दबाव बढ़ता है इसलिए पिंक सॉल्ट के मार्केटिंग गिमिक में आने की बजाए आयोडिनयुक्त नमक ही लें। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन हैदराबाद की गाइडलाइन के मुताबिक सामान्य स्वास्थ्य वाले व्यक्ति को प्रतिदिन पांच ग्राम से अधिक और बीपी व हार्ट मरीजों को 3 से 4 ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। -डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, न्यूट्रीशनिस्ट

नमक बदलने से बेहतर है लिमिट फॉलो करें

जो लोग नियमित तौर पर सेंधा नमक ले रहे हैं और ये सोच रहे हैं कि यह साधारण नमक के मुकाबले हल्का और अच्छा है, वे गलती कर रहे हैं। पहली गलती तो यह है कि सेंधा नमक में आयोडीन नहीं होता, ऐसे में आयोडीन की कमी का खतरा पैदा होता है। सेंधा या पिंक नमक के लगातार और लंबे समय तक इस्तेमाल से शरीर में आयोडीन की कमी हो सकती है, जिससे घेंघा रोग होता है। इसके अलावा थायराइड के मरीजों के लिए जरूरी है कि वह आयोडीन युक्त नमक खाएं, लेकिन सेंधा नमक में आयोडीन न के बराबर होता है। तो बेहतर होगा कि अपने खानपान को इस तरह संतुलित करें कि नमक की मात्रा तय सीमा से अधिक शरीर में न जाए। -डॉ. अलका दुबे, डायटीशियन

(इनपुट-प्रीति जैन)

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