
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.2 बहुत तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। यह अब तक 57 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह जिस रफ्तार से बढ़ रहा है, उससे आने वाले दिनों में यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है।
RT-PCR टेस्ट के जरिए पकड़ना भी मुश्किल
WHO ने बताया कि पिछले एक महीने में दुनियाभर से लिए गए सैंपल में से 93 प्रतिशत ओमिक्रॉन वैरिएंट से हैं। इसमें ओमिक्रॉन के अलग-अलग स्ट्रेन BA.1, BA.1.1, BA.2 और BA.3 आ चुके हैं। बताया जाता है कि BA.2 वैरिएंट कई बार RT-PCR टेस्ट की पकड़ में भी सामने नहीं आ रहा है, इसलिए BA.2 को वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन का छिपा हुआ स्ट्रेन कहा है।
इस वजह से स्ट्रेन को जांच में पकड़ना मुश्किल
कुछ जेनेटिक बदलाव की वजह से वायरस के इस स्ट्रेन को जांच में पकड़ना मुश्किल होता है। BA.2 की जेनेटिक पहचान ओमिक्रॉन से कुछ अलग होने की वजह से इसकी जांच में मुश्किल आ रही है। ओमिक्रॉन के मूल स्ट्रेन में कुछ ऐसे जेनेटिक बदलाव हैं, जिनकी मदद से विज्ञानी पीसीआर टेस्ट के जरिए इसकी पहचान कर पाते हैं और यह पता लगता है कि वैरिएंट डेल्टा से अलग है।
इस वजह से तेजी से फैल रहा BA.2 वैरिएंट?
हाल ही में स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट (SSI) के नेतृत्व में रिसर्चर्स ने पाया कि BA.2 वैरिएंट 39 फीसदी की मारक क्षमता के साथ लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जबकि BA.1 के मामले में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत है। BA.2 के कम समय में ज्यादा लोगों को संक्रमित करने की मुख्य वजह भी यही मानी जा रही है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि, जिन लोगों ने वैक्सीन की खुराक ले ली है, उनमें गंभीर लक्षण होने की संभावना कम हो जाती है, जबकि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लिया है, उनके लिए ओमिक्रॉन काफी खतरनाक हो सकता है।