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चौथाई नल कनेक्शन अवैध,ननि को हर साल 27 करोड़ का चूना

जबलपुर। jabalpur शहर को जलप्रदाय सेवा के नाम पर हर साल 60 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि खर्च करता है। शहर में अब तक पंजीकृत नल कनेक्शनों की संख्या मात्र 1.52 लाख ही है। इसमें भी यह बात हैरत वाली है कि इतने बड़े शहर में मात्र 500 नल कनेक्शन व्यवसायिक हैं।

गौरतलब है कि राजस्व विभाग के अनुसार शहर में 2 लाख 75 हजार संपत्तियां हैं। जलशुल्क के नाम पर इस बार 33 करोड़ रुपए ननि के खजाने में जमा हुए हैं। इसके पहले तक यह आंकड़ा 25 से 30 करोड़ के बीच हुआ करता था। जाहिर है कि सवा लाख संपत्तिधारक अवैध रूप से नल कनेक्शन लेकर नगर निगम को चूना लगाते हैं। इसी तरह वर्ष 2010 से चल रही दादा बाबूराव नल-जल कनेक्शन योजना में मात्र 1 रुपए प्रतिदिन शुल्क पर 300 रुपए में गरीबी रेखा कार्डधारी परिवारों को कनेक्शन दिए गए जिनकी संख्या 30 हजार से ऊपर है। यह वर्ग वर्ष के 365 रुपए भी जलशुल्क के रूप में नहीं दे रहा है।

नहीं लगवा पाए हर घर में नल कनेक्शन

कई बार इस तरह के अभियान चलाए गए कि हर घर में नल कनेक्शन होना चाहिए। कहीं रसूखदारों ने यह अभियान पूरा नहीं होने दिया तो कभी कर्मचारियों की कामचोरी ने इस अभियान को आगे नहीं बढ़ने दिया। वहीं फ्री में अवैध कनेक्शन जोड़कर पानी का उपयोग करने वाले नागरिकों ने तो इस दिशा में स्वत:स्फूर्त कदम उठाए ही नहीं। अब जबकि जिम्मेदारों को ज्ञात है कि शहर में 2.75 लाख संपत्तियां हैं तो जाहिर है हर घर में पेयजल का इस्तेमाल तो होता है,ऐसे में इन 1.21 लाख घरों तक नल क नेक्शन क्यों नहीं हुए यह बात जिम्मेदारों को सोचना है। अगर इन घरों में घरेलू दरों से ही मिल सकने वाले शुल्क की गणना की जाए तो कम से कम 24 करोड़ रुपए का सालाना इजाफा हो सकता है।

10 हजार होता है जुर्माना

यदि नगर निगम अपनी जांच में कहीं पर अवैध नल क नेक्शन पाता है तो संबंधित से 10 हजार 600 रुपए वसूले जाते हैं। इसके बाद कनेक्शन को वैध कर दिया जाता है और फिर हर साल नियमित रूप से निर्धारित राशि ली जाती है। यह कार्रवाई बहुत कम ही देखी जाती है। जहां भी टीम पहुंचती है तो वहां के रसूखदार और प्रभावशाली लोग उच्चस्तरीय संपर्कों से फोन करवा कर कार्रवाई रुकवा देते हैं।

फैक्ट फाइल

  • 1.52 लाख हैं शहर में नल कनेक्शन
  • 33 करोड़ मिलते हैं जलशुल्क से ननि को
  • 10 हजार रुपए हर अवैध कनेक्शन से लिया जाता है फाइन
  • 60 करोड़ से अधिक होता है हर साल जलप्रदाय पर खर्च
  • 500 कनेक्शन मात्र व्यवसायिक
  • 30 हजार दादा बाबूराव नल-जल योजना के कनेक्शन
  • 1 लाख 21 हजार कनेक्शन घरेलू
  • 80 हजार ने दिया इस वर्ष जलशुल्क
  • 2040 रुपए है घरेलू कनेक्शन का सालाना जलशुल्क
  • 6300 रुपए है व्यवसायिक कनेक्शन का सालाना शुल्क

बड़ी संख्या में शहर में अवैध नल कनेक्शन हैं जिनके लिए हम अभियान चलाते हैं। आम नागरिकों को जागरूक भी करते हैं। अब नल कनेक्शन हर घर में अनिवार्य रूप से हों इसके लिए पूरे शहर में अभियान चलाएंगे। -कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री,जलविभाग,ननि।

दर्ज संपत्तियों की तुलना में नल कनेक्शन कम हैं। रियायती जलशुल्क जो कि मात्र 1 रुपए प्रतिदिन और 365 रु.सालाना है को भी जमा नहीं किया जाता। इस वर्ष जलशुल्क 33 करोड़ रुपए आया है,जो कि 50 से 60 करोड़ आना चाहिए। -पीएन सनखेरे,उपायुक्त,राजस्व,ननि।

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