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Constitution Day 2024 : संविधान के 75 साल पूरे, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों को करेंगी संबोधित, सिक्का और डाक टिकट जारी होगा

नई दिल्ली। आज संविधान दिवस है। देश के संविधान के 75 साल पूरे होने पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में मंगलवार को विशेष कार्यक्रम होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगी। इसके साथ ही भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह की शुरुआत होगी। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत सभी सांसद मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति धनखड़ दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्वागत भाषण देंगे। संविधान अपनाने की 75वीं वर्षगांठ को दर्शाने वाला सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा।

भारतीय संविधान यात्रा की शॉर्ट फिल्म दिखाई जाएगी

इस अवसर पर भारतीय संविधान की खूबियां, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा से जुड़ी एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी। इसके अलावा ‘भारतीय संविधान का निर्माण: एक झलक’ और ‘भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा’ टाइटल वाली किताबें लॉन्च होंगी। संस्कृत और मैथिली में संविधान की प्रतियां भी जारी की जाएंगी।

26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था संविधान

संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान पारित किया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को देश ने स्वीकार किया था। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को एक अधिसूचना जारी की थीञ इसमें कहा गया था कि 26 नवंबर को हर साल ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा। इसका मकसद नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रोत्साहन के तौर पर मनाया जाना है।

ये कार्यक्रम होंगे आयोजित

  • संविधान की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित एक स्मारक सिक्का और टिकट जारी किया जाएगा।
  • ‘भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक’ और ‘भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा’ शीर्षक वाली पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा।
  • भारत के संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन होगा।
  • भारत के संविधान को संस्कृत में प्रतियां जारी की जाएंगी।
  • भारत के संविधान की मैथिली में प्रतियां जारी की जाएंगी।
  • कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के अलावा केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य और अन्य गणमान्य उपस्थित रहेंगे। सेंट्रल हॉल के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राज्यपाल, उपराज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के विशेष कार्यक्रम होंगे।

क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?

देश के संविधान के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने और संवैधानिक मूल्यों का प्रचार करने के लिए संविधान दिवस मनाने का फैसला किया गया था। इस दिन भारत ने अपने संविधान को स्वीकार किया था इसलिए सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को यह फैसला लिया था कि 26 नवंबर को भारत सरकार संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने की परंपरा शुरू करेगी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा वर्ष 1979 में एक प्रस्ताव के बाद से इस दिन को ‘राष्ट्रीय कानून दिवस’ (National Law Day) के रूप में जाना जाने लगा था।

संविधान और उसका महत्व

संविधान दिवस का असल मकसद इसके निर्माताओं में शुमार और देश के पहले कानून मंत्री रहे डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देना ही रहा। भारत का संविधान असल में उन सिद्धांतों और दृष्टांतों का लेखा जोखा है, जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक राजनीतिक सिद्धांत, अधिकार, दिशा निर्देश, प्रक्रियाएं, प्रतिबंध और कर्तव्य आदि तय होते हैं।

दो महीनों का दिलचस्प किस्सा

26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया तो दो महीने बाद 26 जनवरी को लागू क्यों हुआ? इन दो महीनों का वक्त क्यों लिया गया? यह सवाल हर किसी के मन में आया होगा। बताया जाता है कि इन 2 महीनों के दौरान संविधान का पाठ किया गया और इसे अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया गया था। जब संविधान को पूरी तरह से अपनाया गया, उससे पहले संविधान सभा ने दो साल 11 महीने और 18 दिन के समय में 166 बार मुलाकात की थी।

भारतीय कानून से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • 1946 में स्थापित संविधान सभा के अध्यक्ष भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद थे।
  • 9 दिसंबर 1946 : संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा ने पहली मुलाकात की थी।
  • भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
  • डॉ. बी आर अम्बेडकर को भारतीय संविधान के पिता के रूप में जाना जाता है।
  • भारतीय दंड संहिता 1860 में अंग्रेजों द्वारा निर्धारित किया गया था जोकि भारत में आपराधिक कानून का आधार है। 1973 में निर्धारित दंड प्रक्रिया संहिता, आपराधिक कानून के प्रत्येक पहलुओं को अपने तरीके से नियंत्रित करता है और दिशा-निर्देशित करता है।
  • 24 जनवरी 1950 : संविधान सभा ने हाथ से लिखी गई संविधान के दो कॉपियों पर संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दस्तखत किए थे।
  • जनवरी 2019 तक भारत के संविधान में कुल 103 संशोधन किए गए जबकि संविधान लागू होने के पहले 62 वर्षों में सिर्फ 94 संशोधन हुए थे।
  • 1948 की शुरुआत में, डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय संविधान का ड्राफ्ट पूरा किया और इसे संविधान सभा में प्रस्तुत किया।

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