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25 साल पुराने मर्डर केस का पर्दाफाश, दिल्ली पुलिस ने इंश्योरेंस एजेंट बनकर सुलझाया, ऐसे हत्थे चढ़ा आरोपी

दिल्ली पुलिस ने हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार कर 25 साल पुराने मामले का पर्दाफाश किया है। दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में रहने वाले किशन लाल की फरवरी 1997 की रात में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी और हत्यारे का पता नहीं चल पाया। किशन लाल की पत्नी सुनीता उस समय गर्भवती थी और पहले बच्चे की मां बनने वाली थीं। जांच के दौरान महीनों तक पुलिसकर्मी पहचान बदलकर विभिन्न इलाकों में आरोपी की तलाश में जुटे रहे।

बीमा एजेंट बनकर पुलिस ने आरोपी को खोजा

पुलिस टीम के लिए यह काफी बड़ी चुनौती थी। पुलिस ने रामू की तलाश के लिए दिल्ली और यूपी में कई जगह अंडरकवर बन कर गई। टीम जब दिल्ली के उत्तम नगर में जीवन बीमा एजेंट बन कर गई तो वहां उन्होंने रामू के एक रिश्तेदार को ढूंढ निकाला। एक मृतक के रिश्तेदार को पैसे दिलाने में मदद के बहाने पुलिस यहां पहुंची। इसके बाद पुलिस की टीम उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के खानपुर गांव में भी पहुंचीं, जहां वह रामू के कुछ और रिश्तेदारों से मिली। रामू के बेटे आकाश का फोन नंबर लिया और फेसबुक अकाउंट के माध्यम से उसे लखनऊ के कपूरथला इलाके में खोजा निकाला।

ई-रिक्शा कंपनी के एजेंट भी बने

रामू के बेटे आकाश ने टीम को बताया कि वह लंबे समय से अपने पिता से नहीं मिला है और केवल यह जानता है कि वह अब लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में ई-रिक्शा चलाते हैं। पुलिस ने जानकीपुरम क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने वाले कई ड्राइवरों से संपर्क किया। पुलिस ने खुद को ई-रिक्शा कंपनी के एजेंट के तौर पर पेश किया। इसी दौरान एक ड्राइवर ने एजेंट बनकर घूम रहे पुलिस वालों को रामू उर्फ अशोक यादव के पास 14 सितंबर को ले गया, जहां वह पकड़ा गया।

पैसे के लिए की थी हत्या

रामू ने कहा कि उसने ‘कमिटी’ (लोगों के एक छोटे ग्रुप के बीच चिट-फंड जैसी व्यवस्था) से पैसे के लिए किशन लाल की हत्या की थी। पुलिस के अनुसार उसने 4 फरवरी, 1997 को एक पार्टी आयोजित की थी, जहां उसने किशन लाल को चाकू से मारा और पैसे लेकर भाग गया। बाद में वह लखनऊ जाकर बस गया और नए नाम से आधार कार्ड आदी भी बनवाने में सफल रहा।

2021 में उत्तर जिला की टीम को सौंपा केस

मौत के मामले में कार्रवाई भी शुरू हुई और दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने दैनिक वेतन भोगी संदिग्ध रामू को लापता घोषित किया। रामू उसी क्षेत्र में किशन लाल के पड़ोस में रहता था। हालांकि हत्या का ये मामला ठंडा पड़ गया और फाइल दो दशक तक धूल चाटती रही। इस बीच पिछले साल अगस्त-2021 में दिल्ली पुलिस की उत्तर जिला की टीम के हाथ में केस आया और एक बार फिर इस पर काम शुरू हो गया। ये टीम पुराने केस को सुलझाने में माहिर मानी जाती है।

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मृतक की पत्नी ने हत्यारे को पहचाना

मामले की जांच दोबारा शुरू होने के करीब एक साल बाद सुनीता को दिल्ली पुलिस से फोन आया और उसे लखनऊ बुलाया गया। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 50 साल के एक शख्स को पकड़ा था। पुलिस संदिग्ध की पहचान की पुष्टि सुनीता से कराना चाहती थी। सुनीता (24) अपने बेटे सनी के साथ लखनऊ पहुंची और इस बात की पुष्टि कर दी कि पकड़ा गया शख्स रामू है। पुलिस उपायुक्त (उत्तरी जिला) सागर सिंह कलसी ने मीडिया को बताया, ‘महिला ने न्याय पाने की सभी उम्मीदें खो दी थीं और यहां तक​कि हमारी पुलिस टीम जब उसके घर पहुंची तो दरवाजे भी बंद कर दिए थे।

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