
महाराष्ट्र। ठाणे के बदलापुर में दो बच्चियों से यौन उत्पीड़न मामले में वकील उज्जवल निकम को सरकार की ओर से पब्लिक प्रॉसीक्यूटर (सरकारी वकील) नियुक्त किया गया है। यह वही उज्जवल निकम हैं, जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में आतंकी अजमल कसाब को फांसी तक पहुंचाया था। इसके अलावा बतौर सरकारी वकील अन्य हाईप्रोफाइल केस के लिए इन्हें जाना जाता है। बदलापुर केस में बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बाद निकम का बतौर पब्लिक प्रॉसीक्यूटर बनाने का फैसला महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने लिया।
आइए जानते हैं उज्जवल निकम के बारे में पूरी कहानी…
1. महाराष्ट्र के मराठी परिवार में जन्मे उज्जवल निकम के पिता देवरावजी निकम एक जज और बैरिस्टर थे।
2. जलगांव में केसीई सोसाइटी के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल करने के बाद जिला अदालत से वकालत करियर की शुरुआत की और राज्य और राष्ट्रीय मुकदमों तक अपना मुकाम बनाया।
3. इनकी सबसे हाईलाइट केस आतंकी अजमल कसाब केस को मानी जाती है। 2008 मुंबई हमले में इकलौते जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को बतौर पब्लिक प्रॉसीक्यूटर रहते केस की पैरवी करते हुए फांसी की सजा दिलाने में सफलता पाई थी।
4. अप्रैल 2006 में भाजपा नेता प्रमोद महाजन की हत्या के मामले भी उन्होंने सरकारी वकील के रूप में काम किया। प्रमोद महाजन को उनके भाई प्रवीण ने ही पारिवारिक विवाद में गोली मारकर हत्या की थी।
5. 1997 में बॉलीवुड फिल्म निर्माता और टी-सीरीज के फाउंडर गुलशन कुमार की हत्या केस की पैरवी निकम ने की थी। इसमें 19 आरोपियों को चिह्नित किया गया था।
6. आतंकी गतिविधियों के मामले में उज्जवल निकम ने 26/11 मुंबई बम ब्लास्ट के साथ-साथ 1991 कल्याण बम विस्फोट, 1993 बॉम्बे बम विस्फोट और 2003 गेटवे ऑफ इंडिया बम विस्फोट केस की पैरनी में शामिल रहे हैं।
7. इनके योगदान के मद्देनजर भारत सरकार ने इन्हें दिसंबर 2010 में न्यूयॉर्क संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर आयोजित विश्वव्यापी सम्मेलन में बतौर प्रतिनिधि भेजा था।
8. साल 2016 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया।
9. भाजपा ने उन्हें मुंबई उत्तर केंद्रीय सीट से लोकसभा उम्मीदवार भी बनाया। हालांकि वे चुनाव जीतने में सफल नहीं हुए।
10. 2017 में निकम की बायोपिक फिल्म आदेश – पॉवर ऑफ लॉ में उनकी जीवनी को दिखाया गया।