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स्वाति मालीवाल को बिभव कुमार ने मारे थे 7-8 थप्पड़, दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में खुलासा

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल केस में दिल्ली पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 16 जुलाई को 500 पन्नों की चार्जशीट दिल्ली हाईकोर्ट में पेश की थी। जिसकी डिटेल 7 अगस्त को सामने आई। चार्जशीट में पुलिस ने कहा, घटना के दिन बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल को 7-8 थप्पड़ मारे थे।

चार्जशीट में आगे लिखा है कि, घटना के बाद बिभव दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ ही थे। आप नेता संजय सिंह और आतिशी ने शुरू में स्वीकार किया था कि स्वाति के साथ दुर्व्यवहार किया गया था। बाद में वह अपने बयान से मुकर गए।

बड़ी साजिश का संदेह!

पुलिस ने आरोप लगाया कि सीएम हाउस में घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी के डीवीआर को जब्त करने से पहले कुछ फुटेज मीडिया में लीक हो गए थे। पुलिस ने कहा कि सीएम की वहां मौजूदगी, आप नेताओं का बयान बदलना और सीसीटीवी लीक होना, ये सब बड़ी साजिश का संदेह पैदा करता है।

यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा लग रहा है।

क्राइम सीन के आसपास लगे सीसीटीवी के डीवीआर जब्त किए जाने से पहले कुछ फुटेज मीडिया में लीक किए गए थे। घटना के बाद आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह और आतिशी ने शुरुआत में स्वाति का साथ दिया था और माना था कि स्वाति के साथ गलत हुआ है, लेकिन 72 घंटों के भीतर ही दोनों ने अपने बयान बदल दिए।

क्या है मामला ?

दरअसल, सोमवार (13 मई) को सीएम हाउस के भीतर से दिल्ली पुलिस को पीसीआर कॉल आया था। जिसमें कॉलर ने कहा, ‘मैं अभी सीएम के घर पर हूं। कॉल करने वाले ने खुद को स्वाति मालीवाल बताया। कॉलर ने कहा- स्वाति मालीवाल बोल रही हूं, दिल्ली CM हाउस में मेरे साथ मारपीट हुई है। मुझे अपने पीए बिभव कुमार से बुरी तरह पिटवाया है। फोन कॉल के बाद मालीवाल सोमवार सुबह ही सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन भी पहुंची थीं, लेकिन तब उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं दी थी। वहीं सूचना के आधार पर पुलिस कंट्रोल रूम की जिप्सी वहां पहुंची, लेकिन पुलिस सीएम हाउस के भीतर नहीं जा सकती।

खारिज हो चुकी है जमानत याचिका

केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी। कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आपराधिक धमकी देना, महिला पर वस्त्र हरण करने के इरादे से हमला करना और गैर इरादतन हत्या का प्रयास करने के आरोप से संबंधित धाराएं शामिल हैं। उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।

जमानत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि आरोपी का ‘काफी प्रभाव’ है और उसे राहत देने का कोई आधार नहीं बनता। कोर्ट ने कहा था कि इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।

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