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सादगी से मनाया जाएगा ‘स्वर्णिम विजय पर्व’, CDS बिपिन रावत को याद कर बोले राजनाथ सिंह- आज उनकी कमी काफी खल रही है

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली के इंडिया गेट पर ‘स्वर्णिम विजय पर्व’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत और भारत-बांग्लादेश मित्रता के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इंडिया गेट पर ‘स्वर्णिम विजय पर्व’ मनाया जा रहा है। इस दौरान रक्षा मंत्री ने इस मौके पर उन्होंने बिपिन रावत के साथ ही हेलिकॉप्टर हादसे में मृत सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी।

सादगी के साथ मनाया जाएगा ‘स्वर्णिम विजय पर्व’

रक्षा मंत्री ने कहा कि ये आयोजन बहुत ही दिव्य और भव्य रूप में करने का निर्णय हुआ था, मगर देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य बहादुरों के निधन के बाद इसे सादगी के साथ मनाने का निर्णय लिया गया है।

दक्षिण एशिया के इतिहास को बदला

स्वर्णिम विजय पर्व के उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-आज हम सभी इंडिया गेट पर 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष के अंतर्गत आयोजित विजय पर्व को मनाने के लिए इक्टठे हुए हैं। यह पर्व भारतीय सेनाओं की उस शानदार जीत के उपलक्ष्य में है, जिसने दक्षिण एशिया के इतिहास और भूगोल दोनों को बदल कर रख दिया।

जनरल रावत की कमी महसूस हो रही

रक्षा मंत्री ने बताया कि- जनरल रावत इस विजय पर्व के आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित थे। कई बार इस कार्यक्रम के स्वरूप को लेकर उन्होंने मुझसे चर्चा की थी। जनरल रावत के निधन से एक बहादुर सैनिक, सलाहकार और जिंदादिल इंसान को खोया है। इसलिए मुझे उनकी कमी काफी महसूस हो रही है।

ग्रुप कमांडर के परिजनों के संपर्क में हैं रक्षा मंत्री

राजनाथ ने बताया कि एयरफोर्स के ऑफिस ग्रुप कमांडर वरुण सिंह का इलाज चल रहा है। उनके पिताजी से हमारा लगातार संपर्क बना हुआ है। हम सभी प्रार्थना करते हैं कि वो जल्द ही ठीक होकर आएं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

हादसे में 13 लोगों का निधन

8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जिंदा बच पाए थे, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है, फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

भारत की जीत के 50 साल पूरे

1971 में हुई पाकिस्तान के साथ जंग में भारत की जीत के 50 साल पूरे होने पर स्वर्णिम विजय पर्व मनाया जा रहा है। 1971 में 3 दिसंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच जंग शुरू हुई थी और मात्र 13 दिनों में 16 दिसंबर को भारत ने इस लड़ाई को जीत लिया था। वहीं पिछले साल 16 दिसंबर को पीएम मोदी ने स्वर्णिम विजय वर्ष मनाने की घोषणा की थी। बता दें कि इस युद्ध के बाद पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना था। इस जंग में पाकिस्तानी सेना के 93 हजार से ज्यादा सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर कर दिया था।

देश सदैव उनका ऋणी रहेगा- रक्षा मंत्री

उद्घाटन समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थापना में योगदान दिया है। आज हमें बहुत खुशी है कि पिछले 50 वर्षों में बांग्लादेश विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा, आज मैं भारत के सशस्त्र बलों के प्रत्येक सैनिक की वीरता और बलिदान को नमन करता हूं, जिसके कारण भारत ने 1971 का युद्ध जीता। देश सदैव उनका ऋणी रहेगा।

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