भोपालमध्य प्रदेश

CM शिवराज बोले- MP अब चीता स्टेट बनने वाला है, आसपास इलाके की बदल जाएगी तस्वीर; देखें VIDEO

भोपाल। मप्र के धरती पर कल नामीबिया से चीते पहुंचेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर उनका स्वागत करेंगे। चीतों के मप्र आगमन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश का सौभाग्य मानता हूं हम टाइगर स्टेट तो है ही, लेपर्ड स्टेट भी हैं। अब मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी होने वाला है।

दक्षिण अफ्रीका से भी आएंगे चीते : सीएम

सीएम शिवराज ने कहा कि हमने 20 साल पहले कूनो को तैयार किया था कि यहां वाइल्ड लाइफ पनपेगी और कई गांव हटाए थे ताकि, वह सुरक्षित सेंचुरी बने। जहां चीते आएं और बाकी तरह की वाइल्ड लाइफ भी वहां रहे। अब वह सपना साकार हो रहा है, संकल्प पूरा हो रहा है। नामीबिया से चीते आ रहे हैं और उसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी आएंगे।

इस सदी की सबसे बड़ी घटना है : सीएम

सीएम शिवराज ने नामीबिया से चीते आने को एक असाधारण घटना बताया है। इस पर उनका कहना है कि मैं असाधारण इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि हमारे देश में चीते का अस्तित्व 1952 के आसपास समाप्त हो गया था। पर अब दूसरे महाद्वीप अफ्रीका से चीते लाकर उनको यहां पुनर्स्थापित कर रहे हैं। शायद यह वाइल्डलाइफ की इस सदी की सबसे बड़ी घटना है। हम दूसरा महाद्वीप से चीजों को लाकर हम बसाएंगे। कोशिश यह करेंगे की स्वाभाविक रूप से चीते का परिवार बढ़ता रहे। चीता आना, एक विलुप्त होती प्रजाति को फिर से पुनर्स्थापित करने का प्रयास तो है ही, लेकिन यह पर्यावरण का संतुलन भी बनाएगा और वाइल्ड लाइफ भी समृद्ध होगी।

ये भी पढ़ें:VIDEO : भारत आ रहे चीतों की पहली झलक आई सामने, नामीबिया से जयपुर नहीं… ग्वालियर लाए जाएंगे चीते, जानें क्यों बदला फैसला 

रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे : सीएम

सीएम ने कहा कि केवल इतना ही नहीं, इस क्षेत्र व श्योपुर जिले में और उसके आसपास भी रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। चीते अभी पहुंचे नहीं हैं, लेकिन जमीन की कीमतें अभी कई गुना ज्यादा बढ़ गई हैं। होटल, रिसोर्ट लगेंगे, छोटे-मोटे काम धंधे चालू होंगे, तो उस इलाके की तस्वीर ही बदल जाएगी। यह सचमुच में अद्भुत घटना है। मैं चीतों का मध्यप्रदेश की धरती पर स्वागत करता हूं।

ये भी पढ़ें: वन मंत्री विजय शाह का बड़ा ऐलान : अफ्रीकन चीतों के बाद MP में नजर आएंगे जिराफ और जेब्रा, वन विभाग ने शुरू की तैयारी

70 साल बाद भारत आ रहे हैं चीते

चीतों का तेजी से शिकार बढ़ जाने की वजह से ये प्रजाति संकट में आ गई थी। मध्य प्रदेश के कोरिया में 1947 में देश में अंतिम तीन चीतों को मार दिया था। इसके बाद 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर देश में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया था।

748 वर्ग के कूनो-पालपुर पार्क में दौड़ेंगे चीते

दरअसल, कूनो-पालपुर नेशनल पार्क 748 वर्ग किमी में फैला है। यह छह हजार 800 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले खुले वन क्षेत्र का हिस्सा है। चीतों को लाने के बाद उन्हें सॉफ्ट रिलीज में रखा जाएगा। दो से तीन महीने बाड़े में रहेंगे। ताकि वे यहां के वातावरण में ढल जाए। इससे उनकी बेहतर निगरानी भी हो सकेगी। 4 से 5 वर्ग किमी के बाड़े को चारों तरफ से फेंसिंग से कवर किया गया है। चीता का सिर छोटा, शरीर पतला और टांगे लंबी होती हैं। यह उसे दौड़ने में रफ्तार पकड़ने में मददगार होती है। चीता 120 किमी की रफ्तार से दौड़ सकता है।

मध्य प्रदेश की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button