
शिवपुरी। शिवपुरी के विकास को गई गति देने तथा वन्य प्राणी संरक्षण की दिशा में नई गाथा लिखने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ माधव नेशनल पार्क में शुक्रवार दोपहर दो बाघों को पार्क में रिलीज किया। 27 साल बाद माधव नेशनल पार्क में बाघों की दहाड़ सुनाई दी। इस दौरान मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, वन मंत्री विजय शाह, सांसद केपी यादव, प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया भी नेशनल पार्क में मौजूद रहे।
घायल बाघिन ठीक होने पर यहां आएगी
मध्य प्रदेश में आज पन्ना नेशनल पार्क से 3 बाघों को शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जाना था, लेकिन इससे पहले पन्ना से आने वाली बाघिन घायल हो गई। इस कारण उसे नहीं लाया जा सका है। इस बाघिन को ठीक होने के बाद दो से तीन दिन में पहुंचाया जाएगा।
#शिवपुरी : #माधव_नेशनल_पार्क में दो #बाघों को रिलीज किया। सीएम #शिवराज_सिंह_चौहान, केंद्रीय मंत्री #ज्योतिरादित्य_सिंधिया एवं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष #वीडी_शर्मा ने बाघ मित्रों के साथ बैठकर चर्चा की।@ChouhanShivraj @vdsharmabjp @JM_Scindia#MadhavNationalPark #Tigers #MPNews… https://t.co/EQSLSMuhjs pic.twitter.com/PhMkp1ty3G
— Peoples Samachar (@psamachar1) March 10, 2023
पर्यटन बढ़ेगा, लोगों को रोजगार मिलेगा : सीएम
सीएम शिवराज ने कहा कि बाघ के यहां आने से एक तो इको सिस्टम बना रहेगा, संतुलन के लिए सब जरूरी है। दूसरा रोजगार बढ़ेगा। टूरिस्ट को एंट्री मिलते ही यहां बढ़ी संख्या में टूरिस्ट आएंगे। रोजगार के साथ ही शिवपुरी का विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी। हजारों लोगों को यहां से रोजगार मिलेगा।
बाघों का पुनर्स्थापन पर्यावरण के संतुलन तथा पर्यटन की संभावनाओं के विकास में महती भूमिका निभाएगा। इस दौरान श्री @HitanandSharma जी, श्री @KrVijayShah जी, श्रीमती @yashodhararaje जी, श्री @DrKPSinghYadav जी सहित बाघ मित्र उपस्थित रहे। #TigerStateMP pic.twitter.com/uVvrBKIpj5
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) March 10, 2023
बाघिन को बांधवगढ़ से और सतपुड़ा से बाघ को लाया गया
जानकारी के मुताबिक, शिवपुरी जिले की सीमा श्योपुर जिले से लगती है, जहां कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) स्थित है। देश में चीतों को फिर से बसाने की योजना के तहत केएनपी में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को लाया गया है। एमएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने बताया, भोपाल स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) से पिछले 7 अक्टूबर में पकड़े गए बाघ को एमएनपी लाया गया है। जबकि, बांधवगढ़ बाघ अभयारण्यों से एक बाघिन को और सतपुड़ा से एक बाघ को लाया गया। मैनिट से पकड़े गए दो साल के बाघ को सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में छोड़ दिया गया था।
बाघों को अलग-अलग बाड़ों में रखा जाएगा
सीसीएफ शर्मा ने बताया कि बाघों की सुरक्षा के लिए माधव नेशनल पार्क में पुख्ता इंतजाम हैं। दोनों बाघों को सैटेलाइट कॉलर बीएचपी सुविधा के साथ लाया जा रहा है। नेशनल पार्क में वायरलेस सिस्टम लगाया गया है। दोनों बाघों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं। बाघों को 10 से 15 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। शर्मा ने बताया कि इन बाघ-बाघिनों को कुछ समय के लिए अलग-अलग बाड़ों में रखा जाएगा। इसके बाद स्थिति सामान्य रही, तो उन्हें एमएनपी के जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।

एमएनपी में नहीं है कोई बाघ
शिवपुरी जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर माधव नेशनल पार्क सटा है। पार्क विंध्याचल की पहाड़ियों पर बसा है। एमएनपी 375 वर्ग किमी के दायरे में फैला हुआ है। एमएनपी में वर्तमान में कोई बाघ नहीं है। इससे पहले, पन्ना बाघ अभयारण्य और सागर के नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में बाघों को सफलतापूर्वक बसाया जा चुका है।
बाघों को लगाए जाएंगे रेडियो कॉलर
वन अधिकारियों के मुताबिक, एमएनपी में बाघों के लिए अच्छा शिकार उपलब्ध है। इसलिए केंद्र सरकार ने यहां बाघों को फिर से बसाने की योजना को मंजूरी दी है। अधिकारियों ने बताया कि एमएनपी में छोड़े जाने वाले बाघों में रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे और जंगल में उन पर नजर रखने के लिए तीन दल गठित किए गए हैं।
सालों बाद सुनाई दी बाघों की दहाड़
शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में 27 साल बाद एक बार फिर बाघों की दहाड़ सुनाई दी। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक शुभ रंजन सेन ने कहा कि 1970 में माधव नेशनल पार्क में बाघों की संख्या काफी अधिक थी। लेकिन, अंतिम बार 1996 में यहां बाघ देखा गया था। टाइगर प्रोजेक्ट के तहत यहां कुल 5 बाघों को बसाए जाने की योजना है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2012 के बीच कुछ समय के लिए राजस्थान के बाघ एमएनपी के आसपास घूमते मिले थे। वन्यजीव विशेषज्ञों ने कहा कि एमएनपी में बाघ मुख्य रूप से शिकार के कारण खत्म हो गए।