कोलंबो। श्रीलंका ने नए पशु संरक्षण कानून पेश किए हैं। इस कानून के तहत हाथियों को लेकर तमाम तरह के नए नियम लाए गए हैं। इस कानून के अनुसार, घरेलू हाथियों के पास अब अपना बायोमेट्रिक पहचान पत्र होगा। इसके अलावा हाथी पर सवार लोग अब शराब नहीं पी सकेंगे। ये फैसला हाथियों की सुरक्षा के लिए किया गया है।
श्रीलंका में कई लोग अपनी शानो-शौकत दिखाने के लिए हाथियों का इस्तेमाल पालतू जानवर के तौर पर करते रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से हाथियों पर क्रूरता के केसों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, श्रीलंका में 200 पालतू हाथी हैं, जबकि 7500 जंगली हाथी हैं। जो लोग नए कानून का उल्लंघन करते हैं, उनके हाथी को राज्य की देखभाल में ले लिया जाया जाएगा और हाथियों के मालिक को तीन साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है।
फिल्मों में भी नहीं दिखेंगे हाथी
इस नए कानून के तहत सभी मालिकों को ये सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनके हाथियों का फोटो पहचान पत्र होना चाहिए और उन पर डीएनए स्टैंप भी होना चाहिए। इसके अलावा फिल्मों में भी हाथियों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि सरकार द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्मों में हाथियों का इस्तेमाल हो सकता है।
चार घंटे से ज्यादा नहीं करेंगे काम
इस कानून के तहत हाथी अब दिन में चार घंटे से ज्यादा काम नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा रात में काम करना प्रतिबंधित होगा। हाथियों के बच्चे को अब काम के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यहां तक कि सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं के लिए भी उन्हें इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
चार से ज्यादा नहीं कर सकेंगे सवारी
हाथियों के बच्चों को उनकी मां से अलग ना करने की बात भी कही गई है। इस कानून के सामने आने के बाद पर्यटन उद्योग पर भी काफी असर पड़ सकता है। इस कानून के मुताबिक, अब एक बार में चार लोग से ज्यादा हाथी पर सवारी नहीं कर सकते हैं। मालिकों को हर छह महीने में अपने जानवरों को मेडिकल चेक-अप के लिए भेजना होगा
जंगली हाथियों को पकड़ने पर मौत की सजा
श्रीलंका में जंगली हाथियों को पकड़ना एक आपराधिक अपराध है, जिसके लिए मौत की सजा दी जा सकती है, लेकिन ऐसे मुकदमे बेहद दुर्लभ हैं। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ हाथी विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 15 वर्षों में, राष्ट्रीय वन्यजीव पार्कों से 40 से अधिक हाथियों के बच्चे चोरी हो गए हैं।