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MahaKumbh 2025 : महाकुंभ में अब तक 10 करोड़ श्रद्धालु लगा चुके हैं आस्था की डुबकी, कथावाचक देवकीनंदन बोले- सनातन बोर्ड का गठन हो

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ का आज 11वां दिन है। श्रद्धालु सुबह से ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, सुबह 11 बजे तक 23 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 13 जनवरी से आज सुबह तक महाकुंभ में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ में भारत के साथ ही विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में सनातन धर्म के रंग में रंगे हुए दिखाई दे रहे हैं।

इस बीच महाकुंभ में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, आजकल हमारी बहन-बेटियों को स्कूलों में नचाया जा रहा है। हमारी संस्कृति अभी भी पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हुई है। इसे सुधारने के लिए हमें एक सनातन बोर्ड की जरूरत है। योगी जी और मोदी जी इस कुंभ के प्रमुख हैं। हमारे साथ मौजूद अखाड़ों के पीठाधीश्वर आचार्य हैं। जब यजमान अच्छा होता है, तो दक्षिणा भी अच्छी मिलती है।

योगी-मोदी से बिना दक्षिणा लिए नहीं जाएंगे : देवकीनंदन

महाकुंभ में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, हमारी बहन-बेटियों को स्कूलों में नचाया जा रहा है।  हमारी संस्कृति अभी तक पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हो पाई है। इसे सुधारने के लिए हमें एक सनातन बोर्ड की जरूरत है। योगी जी और मोदी जी इस कुंभ के प्रमुख हैं और हमारे साथ मौजूद अखाड़ों के पीठाधीश्वर आचार्य हैं।  जब यजमान अच्छे होते हैं, तो दक्षिणा भी अच्छी मिलती है।

उन्होंने कहा कि, बिना दक्षिणा के यज्ञ पूरा नहीं होता, इसलिए हम यजमान (योगी और मोदी) से सनातन बोर्ड बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने वक्फ बोर्ड को खत्म करने की भी मांग की।

देवकीनंदन ठाकुर ने 27 जनवरी को सेक्टर-17 में होने वाली सनातन धर्म संसद में सभी को शामिल होने के लिए बुलाया। उन्होंने कहा, अगर बैठने की जगह नहीं मिले, तो खड़े रहो और अगर खड़े होने की जगह भी नहीं मिले तो जाम लगा दो। हमें इतनी मजबूती से अपनी मांग रखनी है कि वक्फ बोर्ड को खत्म करने के बाद सनातन बोर्ड हमें हर हाल में चाहिए। बिना सनातन बोर्ड के हम कुंभ से वापस नहीं जाएंगे। सभी सनातनी इस संकल्प के साथ 27 जनवरी को सेक्टर-17 में जरूर पहुंचें।

26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ

यह महाकुंभ 12 साल बाद हो रहा है, लेकिन संतों का कहना है कि इस बार 144 साल बाद एक बेहद खास मुहूर्त बना है, जो समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। यह महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में 45 दिन के दौरान 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, इस बार महाकुंभ में 15 लाख से ज्यादा विदेशी श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

महाकुंभ में इन तारीख को होगा शाही स्नान

महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी (पूस पूर्णिमा )के दिन होगा।

  • 14 जनवरी (मकर संक्रांति )के दिन शाही स्नान।
  • 29 जनवरी (मोनी अमावस्या) के दिन शाहीस्नान।
  • 03 फरवरी (बसंत पंचमी) के दिन शाही स्नान।
  • 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) के दिन शाही स्नान।
  • 26 फरवरी (महाशिवरात्रि )के दिन शाही स्नान किया जाएगा।

महाकुंभ को लेकर क्या है मान्यता

मान्यता है कि, कुंभ मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। समुद्र मंथन से जो अमृत निकला, उसे पाने के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच 12 साल तक युद्ध हुआ। इस युद्ध के दौरान अमृत की कुछ बूंदें जिन-जिन स्थानों पर गिरीं, वहां कुंभ मेला आयोजित होता है। चूंकि युद्ध 12 साल तक चला, इसलिए कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। महाकुंभ के स्नान को शाही स्नान के नाम से जाना जाता है।

144 साल बाद बन रहा ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस बार 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। जिसका संबंध समुद्र मंथन से माना जाता है, जिस दौरान देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था। इस दिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है जो कि उस समय समुद्र मंथन के दौरान भी बनी थी।

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