
बिजनेस डेस्क। बजट 2023 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम आदमी और नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स में बड़ी छूट दी है। पहले पांच लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री थी। अब यह 7 लाख तक हो गई है। वित्त मंत्री की घोषणाओं के मुताबिक 0 से 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। ऐसे में यह बड़ा कन्फ्यूजन है कि जब 3 से 6 लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स की घोषणा की गई है तो 7 लाख की आय टैक्स फ्री कैसे हुई। समझें पुरानी और नई व्यवस्था के तहत किसे कितना टैक्स देना होगा।
नई व्यवस्था
भोपाल के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जैन कहते हैं कि आम आदमी के बीच यह सबसे बड़ा कन्फ्यूजन है। उनके मुताबिक सरकार ने टैक्स की जो नई व्यवस्था दी है, उसमें 7 लाख की आय पर 25 हजार रुपए टैक्स लगेगा। हालांकि, सेक्शन 87 के तहत मिलने वाली छूट से यह 25 हजार रुपए का टैक्स शून्य हो जाता है। इसके अलावा 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन और 2,500 रुपए के प्रोफेशनल टैक्स पर भी छूट है।
आय 7 लाख 1,000 तो कितना टैक्स
जैन बताते हैं कि आपकी इनकम 7 लाख रुपए साला है, तभी 87ए के तहत छूट मिलेगी। यदि आय 7 लाख 1000 रुपए है तो आपको 25,100 रुपए टैक्स देना पड़ेगा। इस पर 4 फीसदी की दर से सरचार्ज लगेगा। यह सिर्फ नई टैक्स प्रणाली में होगा। इसमें NPS के साथ ही 50 हजार स्टैंडर्ड डिडक्शन और 2500 प्रोफेशनल टैक्स की छूट भी मिलेगी।
पुरानी व्यवस्था : इसमें 5 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री है। इसके बाद टैक्स लगता है। यदि 7 लाख रुपए की बात करें तो 52,500 रुपए का टैक्स और 7 लाख रुपए सरचार्ज लगेगा। हालांकि, पुरानी प्रणाली में भी 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन और 2,500 रुपए प्रोफेशनल टैक्स की छूट मिलेगी। इस योजना में 80-C के प्रावधानों के तहत टैक्स छूट का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा।
क्या है धारा 87-A
इसके तहत अब तक शुद्ध 5 लाख रुपए तक आय वाले लोग आयकर अधिनियम की धारा 87A के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकते थे। यह सिर्फ व्यक्तिगत आईटीआर दाखिल करने वालों के लिए है।
धारा 80-C
पुरानी टैक्स प्रणाली में एक व्यक्ति कुल आय के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स कटौती का दावा कर सकता है। धारा 80सी, के तहत बच्चों की शिक्षा, बीमा और मकान किराए या लोन जैसे खर्च में छूट मिलती है।