
मुंबई से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जा रहा स्पाइसजेट का एक विमान बोइंग बी737 तूफान (टर्बुलेंस) में फंस गया। इस घटना में 40 पैसेंजर घायल हुए हैं, जिनमें से 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है। हालांकि, पायलट की सूझबूझ की वजह से विमान सुरक्षित रनवे पर उतर गया।
क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान दुर्गापुर स्थित काजी नजरुल इस्लाम एयरपोर्ट पर लैंडिंग कर रहा था, तभी यह काल बैसाखी तूफान में फंस गया। लैंडिंग से पहले तूफान में फंसा विमान एक पल को हवा में ही रुक सा गया। जिसके बाद फ्लाइट के डगमगाने से केबिन में रखा सामान गिरने लगा और इसकी वजह से विमान में सवार 40 यात्री घायल हो गए। स्पाइसजेट ने हादसे पर दुख जताया है।
घायलों को सिर में आई है चोट
स्पाइसजेट एक्सप्रेस ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा है कि फ्लाइट के लैंड करते ही घायलों को तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। हम घायलों को हर संभव चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस हादसे में घायल हुए लगभग सभी यात्रियों को सिर में चोट आई है।
इमरजेंसी लैंडिंग नहीं हुई
इस हादसे को लेकर कहा जा रहा था कि तूफान में फंसने के बाद विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है। वहीं अधिकारियों ने ये साफ किया है कि विमान की इमरजेंसी लैंडिंग नहीं कराई गई। इसकी लैंडिंग दुर्गापुर के अंडाल स्थित काजी नजरूल इस्लाम एयरपोर्ट पर ही होनी थी।
क्या है काल बैसाखी?
अप्रैल और मई में पूर्वी भारत में बादलों के गरजने के साथ, बिजली गिरना और तेज हवा चलना आम मौसमी घटना है। इसे काल बैसाखी या नार्वेस्टर कहते हैं। यह अधिकतर हिंदी के महीने वैशाख में होता है, इसलिए इसे काल बैसाखी कहा जाता है। काल बैसाखी का असर झारखंड, बिहार, प. बंगाल और ओडिशा में दिखता है।
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