
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 2-3 दिन से ठंड के तेवर बदल गए हैं। कश्मीर घाटी से आ रही सर्द हवाओं के कारण प्रदेश के कई जिलों में रात में ठंड कंपकंपी छुड़ा रही है। रात एवं दिन के तापमान में उतार–चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, कई इलाकों में शीतलहर का भी असर देखने के लिए मिल सकता है।
भोपाल में हवा में घुली ठंडक
मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, हिमालय से आ रही उत्तरी हवाओं का असर सीधे भोपाल पर पड़ता है। जिसकी वजह से यहां का पारा ज्यादा नीचे जा रहा है। भोपाल पहाड़ी इलाका होने के साथ ही पथरीला है। इस कारण यहां पर रात का पारा सामान्य से काफी कम हो जाता है। भोपाल में बीती रात पारा 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे दर्ज किया गया है। इससे पहले साल 2009 में पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस सबसे कम रहा था।
इंदौर-ग्वालियर में नहीं दिखे ठंड के तेवर
इंदौर नवंबर में अपेक्षाकृत अन्य शहरों की तुलना में थोड़ा गर्म रहता है। इंदौर में अब हवाएं उत्तरी चल रही हैं, इसलिए अभी पारा नीचे आ पा रहा है। बता दें कि बीते 13 सालों में नवंबर में कई बार पारा 11 डिग्री के नीचे रहा, लेकिन इस बार अभी तक यह 11 से नीचे नहीं आ सका है। वहीं, ग्वालियर में भी ठंड के तेवर नहीं दिख रहे हैं। यहां नवंबर में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस के नीचे तक आ जाता है। लेकिन इस बार अभी तक यह 8 से नीचे नहीं आ सका है।
जबलपुर में ठंड का रिकॉर्ड टूटा
प्रदेश के जबलपुर शहर में इस साल नवंबर में ठंड का पिछले कई सालों का रिकॉर्ड टूट गया है। यहां पहली बार पारा 7 डिग्री सेल्सियस पर आया है। इससे पहले 2006 से 2008 तक लगातार तीन साल नवंबर में रात का पारा 9.8 डिग्री सेल्सियस रहा था। मौसम विभाग के अनुसार, जबलपुर में आमतौर पर नवंबर में अच्छी ठंड होने लगती है।
यहां पारा 9 डिग्री से नीचे
शहर | न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस) |
पचमढ़ी | 5.2 |
नौगांव | 6.5 |
उमरिया | 7.2 |
रायसेन | 7.4 |
यहां 10 डिग्री से ज्यादा
शहर | न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस) |
खरगोन | 13.2 |
सागर | 12.0 |
सीधी | 12.0 |
खंडवा | 12.0 |
प्रमुख शहरों में रात का पारा
शहर | न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस) |
ग्वालियर | 8.7 |
जबलपुर | 9.2 |
भोपाल | 9.8 |
इंदौर | 11.6 |
तापमान में बनी रहेगी गिरावट
मौसम विभाग के अनुसार, इन दिनों उत्तर भारत में बर्फवारी हो रही है, जिस कारण ठंडी हवाएं मध्य प्रदेश तक पहुंच रही है। इस वजह से प्रदेश के कुछ जिलों में शीतलहर भी पड़ रही है। फिलहाल, प्रदेश को सीधे प्रभावित करने वाला कोई सिस्टम एक्टिव नहीं है, लेकिन आने वाले समय में तापमान में और तेजी से गिरावट हो सकती है।