मुंबई। सोमालिया तट के पास एक अभियान में पकड़े गए 35 समुद्री लुटेरों को शनिवार सुबह INS कोलकाता से मुंबई लाया गया। भारतीय नौसेना ने इन्हें मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया है। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन संकल्प’ के तहत की गई, जिसके तहत भारतीय नौसेना के जहाजों को अरब सागर और अदन की खाड़ी में तैनात किया गया है।
दरअसल, 14 दिसंबर को समुद्री लुटेरों ने माल्टा के जहाज MV रुएन को हाईजैक कर लिया था और इसका इस्तेमाल समुद्र में डकैती करने के लिए कर रहे थे। 15 मार्च को भारतीय नौसेना चॉपर (हेलिकॉप्टर) जहाज को बचाने के लिए उसके करीब पहुंची थी। इस दौरान समुद्री लुटेरों ने चॉपर पर फायरिंग शुरू कर दी थी। नेवी ने लुटेरों से सरेंडर करने को कहा था। जिसके बाद 16 मार्च को इन लुटेरों ने नेवी के सामने सरेंडर कर दिया।
#WATCH महाराष्ट्र: सीमा शुल्क और अप्रवासन की औपचारिकताओं के बाद 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया। 16 मार्च को एक एंटी पाइरेसी ऑपरेशन के बाद भारतीय नौसेना के INS कोलकाता ने समुद्री लुटेरों को पकड़ा था।
वीडियो मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड से हैं। pic.twitter.com/lRZUy5VKZ0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2024
2800 किलोमीटर दूर चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
भारतीय नौसेना ने अरब सागर में शनिवार (16 मार्च) को पिछले साल 14 दिसंबर को कब्जे में लिए गए पूर्व-एमवी रुएन से चालक दल के 17 सदस्यों को सफलतापूर्वक बचाया। इसी के साथ 3 महीने बाद जहाज MV रुएन को बचाने का ऑपरेशन पूरा किया। इंडियन नेवी का 40 घंटे का ऑपरेशन शाम को खत्म हुआ और चालक दल के सभी सदस्यों को बिना किसी चोट के बचा लिया गया। कार्रवाई के बाद 35 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर कर दिया।
ऑपरेशन भारत के समुद्री तट से 2800 किलोमीटर दूर चलाया गया था। नौसेना ने बताया कि उनकी कार्रवाई के बाद 35 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर कर दिया और 17 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला गया। बता दें कि जहाज का क्रू 110 से ज्यादा दिनों से लूटेरों के कब्जे में था। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करने के लिए युद्धपोत INS सुभद्रा, ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने वाले ड्रोन, P8I पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया।
नौसेना ने दी थी सरेंडर करने की चेतावनी
ऑपरेशन चलाने से पहले नौसेना ने समुद्री लुटेरों को सरेंडर करने को कहा था। मरीन कमांडोज को आदेश दिए गए थे अगर ये लूटेरे सरेंडर नहीं करते तो इनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। जिसके बाद इंडियन नेवी ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। नौसेना का शुक्रवार को ही इस जहाज से कॉन्टेक्ट हुआ था। इस दौरान सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने नेवी पर फायरिंग भी की थी।
भारतीय नौसेना ने जारी किया वीडियो
भारतीय नौसेना ने घटना का एक वीडियो शेयर किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि 14 दिसंबर को समुद्री लुटेरों ने माल्टा के जहाज MV रुएन को हाईजैक कर लिया था। जिसका इस्तेमाल वे समुद्र में डकैती करने के लिए कर रहे थे। 15 मार्च को हमारा एक चॉपर (हेलीकॉप्टर) जहाज को बचाने के लिए उसके करीब पहुंचा। इसके फौरन बाद समुद्री लुटेरों ने चॉपर पर फायरिंग शुरू कर दी।