ताजा खबरराष्ट्रीय

Indian Navy : भारतीय नौसेना ने बचाया हाइजैक हुआ जहाज, 3 महीने बाद हुआ 17 लोगों का रेस्क्यू; 35 समुद्री लुटेरों ने किया सरेंडर

कोलकाता। भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी बहादुरी का झंडा लहराया है। नौसेना ने कोलकाता में शनिवार को पिछले साल 14 दिसंबर को कब्जे में किए गए पूर्व-एमवी रुएन से चालक दल के 17 सदस्यों को सफलतापूर्वक बचा लिया है। इसी के साथ 3 महीने बाद जहाज MV रुएन को बचाने का ऑपरेशन पूरा कर लिया है। इंडियन नेवी का 40 घंटे का ऑपरेशन शाम को खत्म हुआ और चालक दल के सभी सदस्यों को बिना किसी चोट के बचा लिया गया। कार्रवाई के बाद 35 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर कर दिया।

2800 किलोमीटर दूर चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन

ऑपरेशन भारत के समुद्री तट से 2800 किलोमीटर दूर चलाया गया। नौसेना ने बताया कि उनकी कार्रवाई के बाद 35 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर कर दिया और 17 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला गया। बता दें कि जहाज का क्रू 110 से ज्यादा दिनों से लूटेरों के कब्जे में था। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करने के लिए युद्धपोत INS सुभद्रा, ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने वाले ड्रोन, P8I पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया।

indian navy rescue operation

नौसेना ने दी थी सरेंडर करने की चेतावनी

ऑपरेशन चलाने से पहले नौसेना ने समुद्री लुटेरों को सरेंडर करने को कहा था। मरीन कमांडोज को आदेश दिए गए थे अगर ये लूटेरे सरेंडर नहीं करते तो इनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। जिसके बाद इंडियन नेवी ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। नौसेना का शुक्रवार को ही इस जहाज से कॉन्टेक्ट हुआ था। इस दौरान सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने नेवी पर फायरिंग भी की थी।

भारतीय नौसेना ने जारी किया वीडियो

भारतीय नौसेना ने घटना का एक वीडियो शेयर किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि 14 दिसंबर को समुद्री लुटेरों ने माल्टा के जहाज MV रुएन को हाईजैक कर लिया था। जिसका इस्तेमाल वे समुद्र में डकैती करने के लिए कर रहे थे। 15 मार्च को हमारा एक चॉपर (हेलीकॉप्टर) जहाज को बचाने के लिए उसके करीब पहुंचा। इसके फौरन बाद समुद्री लुटेरों ने चॉपर पर फायरिंग शुरू कर दी।

ये भी पढ़ें – भारतीय नौसेना में शामिल हुआ ‘आईएनएस संधायक’, 11 हजार किमी तक की सर्विलांस रेंज, आधुनिक उपकरणों से है लैस, जानें इसकी खासियत

संबंधित खबरें...

Back to top button