खबरें ज़रा हटकेताजा खबरभोपालमध्य प्रदेशराष्ट्रीय

सोलर मैन का नया मिशन, कम एनर्जी में जीने को बना लो “फैशन”, लिमिट और लोकलाइज्ड के मंत्र से घटेगा कार्बन उत्सर्जन  

 भोपाल। इंडिया के सोलर मैन प्रोफेसर चेतन सोलंकी अब सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता के साथ एक और मिशन में जुट गए हैं। वे अब लोगों से अपील कर रहे हैं कि कम से कम एनर्जी में जीवन जीने को ही अपना फैशन बना लें। इतना ही नहीं, अब वे लोगों को सोलर एनर्जी अपनाने के साथ-साथ ये भी समझाते हैं कि फ्रिज और एसी को बाय-बाय कर दें…. कपड़े भी बगैर प्रेस किए हुए पहनें। प्रोफेसर सोलंकी शुक्रवार को भोपाल में थे और भोज ओपन यूनिवर्सिटी में उन्होंने अपने मिशन को लेकर खुलकर बातें कीं। वे तो यह तक कहते हैं कि उनके घर में जब दोनों बेटियों की शादी होगी, तो वे केवल उन्हीं मेहमानों को बुलाएंगे जो बगैर प्रेस किए हुए कपड़े पहनकर आएंगे।

लिमिट एंड लोकलाइज्ड का सिद्धांत, AMG का दिया फॉर्मूला

सोलर मैन का दावा है कि विकास और पर्यावरण एक दूसरे के विरोधी होते हैं। यही कारण है कि कार्बन उत्सर्जन 10 सालों में 45 प्रतिशत कम करने का टारगेट विकसित देश ही हासिल नहीं कर पाए। ऐसे में प्रकृति की सीमित क्षमताओं को देखते हुए कंजम्पशन लिमिट विथ लोकलाइज्ड प्रोडक्शन का सिद्धांत बनाया है। इसके लिए प्रकृति के संसाधन निश्चित मात्रा में इस्तेमाल किए जाएं और उपयोग की वस्तुएं लोकल हों। इसके साथ ही उन्होंने जनता के लिए एनर्जी का AMG फॉर्मूला भी तैयार किया है। इसका सीधा सा फंडा है AVOID, MINIMISE और GENERATE। कोशिश करें कि एनर्जी की जरूरत ही न पड़े। अगर जरूरत बहुत हो तो कम के कम उतनी ही उपयोग करें जितने में काम चल जाए। इसके अलावा अगर ज्यादा जरूरत हो तो खुद ही ऊर्जा पैदा करें। उन्होंने तो लोगों को जागरुक करने के लिए अपनी शर्ट पर ही लिखवा लिया है… “आई एम एनर्जी लिटरेट, आर यू..?”

“पॉलिटिशियन्स बैठते नहीं”

प्रोफेसर चेतन सोलंकी से सोलर ऊर्जा को लेकर चलाई जा रही मुहिम पर सवाल किए गए तो उन्होंने खुलकर अपनी बात कही। जब उनसे पॉलिसी मेकर्स और नेताओं को अवेयर करने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि “पॉलिटिशियन्स बैठते नहीं है, उनके पास टाइम नहीं होता।”.. इसके बाद सोलंकी ने कहा कि यही कारण है कि वे आम जनता को जागरूक करने निकले हैं। उनका मकसद है कि देश में अधिक से अधिक घरों में सोलर या रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग होने लगे। सोलंकी ने खुलकर कहा कि कोई भी सरकार पर्यावरण संरक्षण या कार्बन उत्सर्जन को लेकर इसलिए गंभीर नहीं है, क्योंकि ये महज पांच साल का विषय नहीं है।

इसलिए नाम पड़ गया “सोलर मैन”

प्रोफेसर चेतन सोलंकी मूल रूप से आईआईटी मुंबई के एनर्जी साइंस विषय के प्रोफेसर हैं और लगभग तीन साल पहले अपने प्रोफेशन से 11 साल का ब्रेक लेकर नवंबर 2020 में ऊर्जा स्वराज यात्रा शुरू की थी। इसके लिए वे अपनी एक सोलर ऑपरेटेड बस लेकर जगह-जगह जाते हैं और ग्रामीणों को समझाते हैं कि क्लीन एनर्जी के जरिए के किस तरह से ग्रीन इंडिया के कॉन्सेप्ट को पूरा कर अपना योगदान दे सकते हैं। उनके इस मिशन को देखते हुए उनका नाम ही सोलर मैन हो गय़ा है और वे भारत सरकार की तरफ से सोलर एनर्जी के ब्राड एंबेस्डर भी हैं।   सोलंकी अब तक लगभग 1000 गांवों में जा चुके हैं और उनकी यात्रा लगभग 50 हजार किलोमीटर की हो चुकी है। यह यात्रा 2030 में खत्म होगी। सोलर मैन के इस अभियान में अब तक ढाई लाख लोग इनके साथ जुड़ गए हैं। चेतन की सबसे बड़ी चिंता फिलहाल देश में डीजल और कोल बेस्ड पॉवर प्लांट्स और फैक्ट्रीज हैं, जो अब भी देश के उर्जा खपत का 85 प्रतिशत है। इससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ रहा है और जलवायु को नुकसान पहुंच रहा है।

(इनपुट – नितिन साहनी)

इसे भी पढ़ें – IND VS ENG 3rd Test : भारत ने पहली पारी में 445 रन बनाए, जडेजा और रोहित का शतक, मार्क वुड को 4 विकेट

 

संबंधित खबरें...

Back to top button