
चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। 2021 में पंचकूला में CBI कोर्ट ने राम रहीम और चार अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। 10 जुलाई 2002 को रंजीत सिंह का कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। वह अपनी दो शिष्याओं से दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है।
20 साल पुराने मामले में हुई थी उम्रकैद
डेरा प्रमुख के वकील जितेंद्र खुराना ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने रंजीत सिंह हत्या मामले में मेरे मुवक्किल और चार अन्य को बरी कर दिया है।” उन्होंने बताया कि इस मामले में दलीलें पहले ही पूरी हो गई थीं और उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाया। खुराना ने बताया कि न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूर्ति ललित बत्रा की खंडपीठ ने राम रहीम और चार अन्य की अपीलों पर फैसला सुनाया जिन्हें हरियाणा के पंचकूला में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने अक्टूबर 2021 में दोषी ठहराया था। अदालत ने उन्हें करीब 20 साल पुराने रंजीत सिंह के हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
क्यों की गई थी हत्या
पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हरियाणा में कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां गांव में 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसकी एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध रूप से शामिल होने को लेकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें बताया गया था कि डेरा मुख्यालय में राम रहीम कैसे महिलाओं का यौन शोषण कर रहा है। पहले दाखिल सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख मानता था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रंजीत सिंह है और इसीलिए सिंह की हत्या की साजिश रची। राम रहीम को 2017 में दो शिष्याओं से दुष्कर्म करने के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा सुनायी गयी जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में है। डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के मामले में 2019 में दोषी ठहराया गया था।
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