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हारी 103 सीटों पर कवि और साहित्यकारों का सहारा लेगी भाजपा

पार्टी के पक्ष में पॉजिटिव माहौल बनाने और कार्यकर्ताओं की नाराजी दूर करने की कवायद तेज

भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए मैदानी प्रबंधन में जुटी भाजपा अपनी हारी हुई 103 सीटों के लिए अलग रणनीति पर काम कर रही है। इन विधानसभा क्षेत्रों में राष्ट्रवाद की अलख जगाने देश भर से कवि-साहित्यकारों को भी बुलाया जा रहा है। हर सीट पर कवि सम्मेलन कराने की प्लानिंग की गई है। कार्यक्रम में आयोजक के बतौर सामाजिक संस्था अथवा एनजीओ को फ्रंट मोर्चे पर रखा जाएगा। भाजपा पर्दे के पीछे रहकर संसाधन जुटाएगी। हारी हुई सीट पर सत्तासं गठन के नेता कार्यकर्ताओं से मेलजो ल बढ़ाकर पॉजिटिव माहौल पर फोकस करेंगे। हाशिए पर आ गए क्षेत्र के पुराने और सीनियर नेताओं जवाबदारी सौंपकर नाराज पदाधिकारियों की मान-मनौवल भी शुरू की गई है।

कवि सम्मेलन में अयोध्या राम मंदिर निर्माण, ट्रिपल तलाक और धारा 370 सहित देश भक्ति और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर वीर रस के कवियों से ऐसी ओजस्वी रचनाएं पेश करने को कहा जा रहा है जिन्हें सुनकर लोग देश प्रेम से ओतप्रोत हो जाएं। साथ ही पार्टी अपने स्तर पर चुनाव कैंपेनिंग में डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ जिंगल्स, मीम्स और आक्रामक ढंग से वार-पलटवार के लिए सोशल मीडिया पर टीम भी तैनात कर रही है। यह पहला मौका है जब सत्ता-संगठन ने अपने चुनावी अभियान के लिए कवि-साहित्यकारों की सेवाएं लेने का निर्णय लिया है।

कवि सम्मेलन: पर्दे के पीछे सूत्र संभालेगी भाजपा

एक दिन पहले सत्ता-संगठन के नेताओं ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से हारी हुई 103 सीटों में से कम से कम 80 सीटों पर इस कार्यक्रम को भव्य रूप में करने को कहा है। पर्दे के पीछे से भाजपा पूरे आयोजन के सूत्र संभालेगी। प्रभारियों से एनजीओ और सामाजिक संस्थाओं के डिटेल बुलाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि कई कवि भाजपा से जुड़े हुए हैं। इंदौर के सत्यनारायण सत्तन भाजपा विधायक रह चुके हैं। हाल ही में लोक गायिका नेहा राठौर द्वारा एमपी में का बा गीत गाने पर उप्र की कवियत्री अनामिका अंबर ने मामा मैजिक करते हैं गीत गाकर जवाब दिया था।

(इनपुट- राजीव सोनी)

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