
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों विदेशी छात्रों को हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्रालय (DOS) की तरफ से एक ईमेल मिला। इस ईमेल उन्हें बताया गया कि उनका स्टूडेंट वीजा (F1 वीजा) रद्द कर दिया गया है। यह मेल मार्च के आखिरी हफ्ते में भेजा गया। ईमेल में छात्रों को तुरंत अमेरिका छोड़ने का आदेश दिया गया। साथ ही उन्हें हिरासत में लेने की चेतावनी दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन छात्रों पर आरोप है कि वे कैंपस प्रदर्शनों में शामिल हुए या सोशल मीडिया पर इजरायल विरोधी पोस्ट को शेयर, लाइक या कमेंट किया। अमेरिकी सरकार अब ‘Catch and Revoke’ नाम के AI ऐप की मदद से ऐसे छात्रों की पहचान कर रही है।
300 से अधिक छात्रों का वीजा रद्द, भारतीय भी शामिल
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि अब तक 300 से अधिक छात्रों के वीजा रद्द किए जा चुके हैं। इनमें कुछ भारतीय छात्र भी शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर फिलिस्तीन समर्थक पोस्ट को लाइक किया था। हालांकि इन छात्रों की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है।
इसके साथ कुछ छात्रों को हिरासत में भी लिया गया है। तुर्किये की छात्रा रुमेसा ओझतुर्क को सोशल मीडिया पोस्ट के चलते 25 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल वह लुइसियाना में हिरासत में है। वहीं कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रदर्शन में शामिल महमूद खलील को भी पकड़ा गया है।
सरकार सख्त, पढ़ाई के नाम पर अशांति बर्दाश्त नहीं
विदेश मंत्री रुबियो ने साफ किया कि अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में अराजकता फैलाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक सुविधा है। प्रदर्शन और हमास जैसे संगठनों का समर्थन करने वालों को देश छोड़ना ही होगा।
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