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सौरभ शर्मा और सहयोगियों पर ED का शिकंजा, 23 करोड़ की संपत्ति और 6 करोड़ की एफडी के दस्तावेज जब्त

भोपाल। मध्यप्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों की संपत्ति और गाड़ी से भारी मात्रा में सोना और नकदी बरामद होने के बाद मामला तूल पकड़ चुका है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत चार एजेंसियां इस केस की गहराई से जांच कर रही हैं। सौरभ शर्मा पर आरोप है कि उसने अपने सात साल की नौकरी के दौरान बेहिसाब संपत्ति बनाई।

ईडी ने की करोड़ों की संपत्ति जब्त

प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की। यह तलाशी अभियान पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत किया गया। इस दौरान ईडी को सौरभ शर्मा के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर करोड़ों की चल-अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले, जिनमें से 23 करोड़ रुपए की संपत्ति और 4 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस जब्त किया गया है। सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर छह करोड़ रुपए की फिक्स डिपॉजिट और अन्य संपत्तियां भी मिली हैं।

54 किलो सोना और नकदी की हो रही जांच

डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन की गाड़ी से मिले 54 किलो सोने की जांच कर रही है। एजेंसी यह पता लगा रही है कि यह सोना वैध था या अवैध तरीके से खरीदा गया। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि सोने की खरीद के लिए भुगतान कैसे किया गया, क्योंकि 2 लाख से ज्यादा का भुगतान कैश में करना कानूनन संभव नहीं है।

आयकर विभाग इस बात की पड़ताल कर रहा है कि 11 करोड़ नकद राशि कहां से आई और किस उद्देश्य से रखी गई। इसके अलावा, यह भी पता लगाया जा रहा है कि नकदी के लेनदेन में किन लोगों की भूमिका थी और क्या यह आयकर चोरी का मामला है।

लोकायुक्त इस बात का विश्लेषण कर रहा है कि सौरभ शर्मा ने अपनी सात साल की नौकरी के दौरान कितनी सैलरी प्राप्त की और इसके मुकाबले कितनी संपत्ति अर्जित की।

दुबई में है सौरभ शर्मा

बताया जा रहा है कि सौरभ शर्मा फिलहाल अपनी पत्नी के साथ दुबई में है। भोपाल जिला कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। ईडी ने उसकी संपत्तियों को अटैच कर लिया है।

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