
भोपाल। मतदान करने के मामले में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण आगे हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 70 फीसदी व इससे कम मतदान वालों में भोपाल के मध्य, हुजूर सहित 56 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इसमें से शहरी क्षेत्रों की 31 विधानसभा और ग्रामीण क्षेत्रों में 23 विधानसभा में कम वोटिंग हुई है। इन क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए कलेक्टरों को अभी से विशेष अभियान चलाने के लिए कहा गया है।
ग्वालियर, भिंड, मुरैना, रीवा और अलीराजपुर के विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत 61 फीसदी से नीचे है। इन जिलों के कलेक्टरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर है। आयोग ने इन जिलों को वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदान स्तर पर प्लान तैयार करने के लिए कहा है। इसके अलावा मतदान बढ़ाने के लिए स्थानीय मतदाताओं से भी चर्चा की जाएगी जिससे उनकी समस्याओं और मतदान के प्रति रुचि नहीं होने की वजह को भी दूर किया जा सके।
10,397 मतदान केंद्रों में 65% से कम हुआ था मतदान
पिछले विधानसभा चुनाव में औसत मतदान 75.63 प्रतिशत था, लेकिन 10,397 मतदान केंद्रों में यह 65 प्रतिशत से कम रहा था। दस विधानसभा क्षेत्रों में तो 62 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था। अब इन विधानसभा क्षेत्रों में 70 फीसदी से अधिक मतदान बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
यहां औसत से 10% कम मतदान
प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में 75 फीसदी औसत मतदान का प्रतिशत रहा है जबकि प्रदेश के 21 विधानसभा क्षेत्रों में औसत से 10 फीसदी से कम रहा।
मतदान बढ़ाने के लिए ये करेंगे अधिकारी
मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए एआरओ स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। ये अधिकारी वोटिंग से पहले वहां जाकर वहां के प्रतिष्ठित और सामाजिक कार्यकतार्ओं से संपर्क करेंगे। लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित भी करेंगे।
जिन जिलों में मतदान का प्रतिशत पिछले विधानसभा चुनाव में कम था, वहां के कलेक्टरों को वहां पर फोकस करने के लिए कहा है। -अनुपम राजन, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र