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पाक – सियासी अटकलों पर लगा ब्रेक, शहबाज शरीफ बनेंगे PM,  असेंबली के 201 सांसदों का मिला साथ; गठबंधन की बनेगी सरकार

इस्लामाबाद। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में लंबे समय से चल रही सियासी अटकलों पर आज आखिरकार ब्रेक लग गया है। राजनीतिक और प्राकृतिक आपदाओं से जूझते इस मुल्क के पीएम का नाम आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद तय हो गया है। शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री चुन लिए गए हैं। वे दूसरी बार इस पद को संभालेंगे। रविवार को नेशनल असेंबली के अध्यक्ष सरदार अयाज सादिक ने शाहबाज के प्रधानमंत्री चुने जाने की घोषणा की। इससे पहले पाकिस्तान नेशनल असेंबली में पीएम के लिए वोटिंग हुई। 336 सदस्यों वाली असेंबली में शहबाज को 201 वोट मिले। उनके खिलाफ उतरे जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उमर अयूब खान को केवल 92 वोट मिले।

PPP के समर्थन से बनी है PML-N की सरकार

शहबाज पाकिस्तान के 24वें प्रधानमंत्री होंगे। पीटीआई समर्थक सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच रविवार को  संसद का सत्र बुलाया गया। शहबाज सोमवार को राष्ट्रपति हाउस ऐवान-ए-सद्र में दूसरी बार पीएम पद की शपथ लेंगे। शहबाज अपने बड़े भाई नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) से नाता रखते हैं। उन्हें बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का समर्थन मिला। हालांकि 1999 से पहले सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ द्वारा तख्तापलट किए जाने तक पाकिस्तान में दो ही सबसे बड़े दल होते थे। इसमें दिवंगत बेनजीर भुट्टो की पीपीपी और नवाज शरीफ की पीएमएल शामिल थी। ये दोनों दल एक दूसरे के कट्टर विरोधी थे। हालांकि अब हालात बदल गए हैं। शहबाज को 336 सदस्यीय सदन में कुल 201 वोट मिले। पाक में पिछले माह हुए आम चुनाव में पीटीआई पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा 93 सीट जीती थी। जबकि पीएमएल-एन को 75 और पीपीपी को 54 सीटों पर जीत मिली थी। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के खाते में 17 सीटें आई हैं।

शाहबाज का सियासी सफर

शहबाज शरीफ लगातार दूसरी बार पाकिस्तान के पीएम के रूप में शपथ लेगें। वह पहली बार 1988 में पंजाब विधानसभा पहुंचे थे। 1997 में वह तीसरी बार पंजाब विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए और प्रांत के मुख्यमंत्री बने। 1999 में सैन्य तख्तापलट के बाद उन्हें अपदस्थ कर दिया गया और सऊदी अरब में निर्वासित कर दिया गया। 8 साल निर्वासन में बिताने के बाद वह 2007 में पाकिस्तान लौट आए। 2008 में उन्होंने चौथी बार भक्कर से प्रांतीय विधानसभा सीट जीती और दूसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 2013 में वह एक बार फिर लाहौर से विधानसभा के सदस्य बने और तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री चुने गए थे।

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